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अब रिस्ट बैंड करेगा लड़कियों की सुरक्षा

दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के बीच चंपारण के युवक शाहिद अनवर ने ऐसा रिस्ट बैंड बनाया है, जिसका बटन दबाते ही न केवल लड़कियों की सुरक्षा के लिए पुलिस सजग हो जाएगी, बल्कि उसे खोजते हुए घटनास्थल पर भी पहुंच जाएगी. भविष्य में यह न सिर्फ भारत, बल्कि विदेश में भी लड़कियों की सुरक्षा के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:30 PM

दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के बीच चंपारण के युवक शाहिद अनवर ने ऐसा रिस्ट बैंड बनाया है, जिसका बटन दबाते ही न केवल लड़कियों की सुरक्षा के लिए पुलिस सजग हो जाएगी, बल्कि उसे खोजते हुए घटनास्थल पर भी पहुंच जाएगी. भविष्य में यह न सिर्फ भारत, बल्कि विदेश में भी लड़कियों की सुरक्षा के लिए कारगर साबित होगा.

बेस्ट उत्पाद का दर्जा मिला- शाहिद के इस रिस्ट बैंड को दिल्ली आइआइटी ने सराहा है और उसे पुरस्कृत करते हुए बेस्ट उत्पाद का दर्जा दिया है. जबकि, भारती एयरटेल ने इस उत्पाद को लांच करने का निर्णय लिया है. यही कंपनी इसकी कीमत भी तय करेगी.

दामिनी कांड के बाद आया बनाने का खयाल- जिले के ढाका प्रखंड के गवंद्री गांव निवासी और इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के बीटेक के छात्र शाहिद ने कहा कि दिल्ली में दामिनी के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद रिस्ट बैंड बनाने का विचार मन में आया. इसके बाद वह प्रयास में जुट गए. क्या कहते हैं कंप्यूटर एक्सपर्ट- राष्ट्रपति से पुरस्कृत कंप्यूटर एक्सपर्ट अंकुर अरमान का कहना है कि ऐसा डिवाइस बनाया जा सकता है.

रिस्ट बैंड में चिप लगाकर उसमें मोबाइल की तरह अलग-अलग आइडी नंबर दिया जा सकता है. इसी सेंसर के माध्यम से चिप स्थानीय पुलिस मुख्यालय से जुड़ सकता है. हालांकि, दूरी सीमित होनी चाहिए. उन्होंने उत्पाद को बेहतर बताया और कहा कि इस प्रकार के और प्रयोग होने चाहिए.

-इसका वजन 45 से 50 ग्राम है.

-लड़कियां इसे कलाई में आसानी से पहन सकेंगी.

-गुंडे, दुष्कर्मी या मित्र की गलत मंशा को भांपते ही इसके बटन का उपयोग किया जा सकता है.

-इसमें एक बटन होगा, जिसे तीन से चार सेकेंड तक दबाने पर पुलिस मुख्यालय को किसी लड़की के मुसीबत में होने की सूचना मिल जाएगी.

– बटन दबाने के बाद रिस्ट बैंड में वाइब्रेशन होगा, जो संकेत देगा कि पुलिस मुख्यालय को मैसेज मिल चुका है.

-रिस्ट बैंड के यूनिक आइडी नंबर के आधार पर (मोबाइल के सिम की तरह) पुलिस इसे लोकेट कर सकती है.

– पुलिस के कंप्यूटर स्क्त्रीन पर यूनिक आइडी नंबर ब्लिंक करता रहेगा और लोकेशन की जानकारी भी मिलती रहेगी.

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