न्यूयार्क : राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन एवं आतंकवाद पर सोच का समर्थन करते हुए प्रतिष्ठित भारतीय अमेरिकियों ने कहा है कि अमेरिका में माहौल ‘सत्ता विरोधी’ है और देश डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के ‘खराब फैसलों’ को अब और नहीं झेल सकता. राजनीतिक कार्य समिति ‘इंडियन अमेरिकंस फॉर ट्रंप 2016′ के उपाध्यक्ष एवं न्यूयार्क के जाने माने अटार्नी आनंद आहूजा ने कहा कि केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मौजूदा माहौल ‘सत्ता विरोधी’ है. उन्होंने कहा, ‘लोग ‘करियर राजनेताओं’ से उकता गये हैं. सत्ता परिवर्तन समय की मांग है और यदि हम इस पर विचार करते हैं तो ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की संभावना है.’
आहूजा ने कहा कि ट्रंप को आव्रजन विरोधी के रूप में पेश किया जा रहा है लेकिन न्यूयार्क के अरबपति वैध आव्रजन के खिलाफ नहीं है बल्कि वह अवैध आव्रजन के खिलाफ हैं. जाने माने अटॉर्नी राजीव खन्ना ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप खासकर आतंकवाद से निपटने के मामले में भारत के अच्छे साझीदार होंगे. आतंकवाद विश्व की सबसे बडी समस्या है और ट्रंप इससे निपटने के लिए उपयुक्त व्यक्ति हैं. खन्ना ने ट्रंप के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका में मुसलमानों को ‘आंख और कान’ खुले रखने चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा हो सकता है कि ट्रंप राजनीतिक रूप से हमेशा सही नहीं हो लेकिन वह समझते हैं कि कट्टरपंथी इस्लाम इस दुनिया के साथ क्या कर रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं उन लोगों में से नहीं हूं जिनका मानना है कि आपको समस्या को नजरअंदाज करना चाहिए. यदि समस्या है तो है. मेरा मानना है कि कट्टरपंथी इस्लाम केवल भारत एवं अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए बुरा है. इससे निपटने की आवश्यकता है.’ खन्ना ने कहा कि वह महिलाओं के प्रति ट्रंप के व्यवहार को नजरअंदाज नहीं करते और उन्हें इस संदर्भ में स्वयं में बदलाव लाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि हालांकि बिल क्लिंटन अब तक के सबसे पसंदीदा राष्ट्रपतियों में से एक हैं लेकिन वह महिलाओं संबंधी उनके रिकॉर्ड को लेकर भी गौरवान्वित नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘हिलेरी के रूप में हमें मिलेगा एक- सामान्य राष्ट्रपति. उनकी निर्णय लेने की क्षमता खराब है. उन्होंने हमें इराक युद्ध में धकेला जो एक खराब निर्णय था.’ खन्ना ने कहा कि हिलेरी का ईमेल संबंधी निर्णय गलत था और देश में सीरियाई शरणार्थियों को उचित जांच के बिना आने देने की अनुमति देने का उनका प्रस्ताव भी खराब है.
उन्होंने कहा, ‘एक के बाद एक खराब फैसले. मुझे नहीं लगता कि देश अब और खराब फैसले झेल सकता है. मैं हिलेरी का सम्मान करता हूं. मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत कोशिश की लेकिन चुनावों में मुकाबला नजदीकी होगा और ट्रंप के पास अब भी जीतने का मौका है.’ आहूजा ने कहा कि ट्रंप साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंड मैथ (स्टेम) श्रेणी को मौजूदा 20,000 की सीमा के बढाकर करीब 50,000 करने के समर्थन में हैं और इस कदम से भारतीय छात्रों को लाभ हो सकता है.