नयी दिल्ली : दागी अधिकारियों के कारण ओलंपिक अभियान से बाहर हुए भारत पर से अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने प्रतिबंध हटा दिया है. भारतीय ओलंपिक संघ के नये सिरे से चुनाव होने के कुछ दिन बाद ही यह फैसला लिया गया.
आईओए ने रविवार को हुए चुनाव में दागी अधिकारियों को बाहर रखा था. चुनाव में विश्व स्क्वाश महासंघ के प्रमुख और बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के छोटे भाई एन रामचंद्रन को अध्यक्ष चुना गया. आईओए महासचिव राजीव मेहता ने बताया, आईओसी ने हमें फोन पर बताया कि भारत पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है.
यह फैसला चुनाव के दौरान मौजूद रहे आईओसी के तीन पर्यवेक्षकों के भारत से रवाना होने के बाद लिया गया. ये तीनों आईओए चुनाव प्रक्रिया से संतुष्ट थे और उन्होंने आईओसी अध्यक्ष को सकारात्मक रिपोर्ट देने का वादा किया था. चुनाव में अखिल भारतीय टेनिस संघ के प्रमुख अनिल खन्ना को कोषाध्यक्ष चुना गया. इसके साथ ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अभय सिंह चौटाला और ललित भनोट की आईओए से रवानगी हो गई.
आईओसी ने चार दिसंबर 2012 को आईओए पर सरकार की खेल आचार संहिता का पालन करने और दागी व्यक्तियों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देने के लिये प्रतिबंध लगा दिया था. आईओए ने अगले दिन चुनाव कराये लेकिन आईओए ने चौटाला और उनके पदाधिकारियों को मान्यता देने से इनकार कर दिया था.
आईओसी ने बाद में आईओए और सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात का प्रस्ताव रखा था लेकिन यह भी कहा कि आईओए ओलंपिक में वापसी के लिये ओलंपिक चार्टर के तहत चुनाव कराये. तीन बार स्थगित होने के बाद बैठक 15 मई 2013 को लुसाने में हुई जिसमें खेलमंत्री जितेंद्र सिंह और बीजिंग ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भाग लिया था.
आईओसी ने भारत की ओलंपिक में वापसी के लिये रोडमैप तैयार करके आईओए को 15 जुलाई से पहले अपने संविधान में बदलाव करने और एक सितंबर तक नये पदाधिकारियों के चुनाव के लिये कहा. आईओसी ने यह भी कहा कि दागी व्यक्ति आईओए का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
आईओए ने इसे मानने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें देश का कानून मानना होगा. आईओसी ने किसी तरह के समझौते से इनकार करते हुए आईओए को दागी अधिकारियों को निलंबित करने के लिये कहा. उसने संविधान में संशोधन के लिये 31 अक्तूबर और नये चुनाव कराने के लिये 15 दिसंबर तक की तारीख दी. आईओसी बाद में चुनाव नौ फरवरी को कराने को राजी हो गया चूंकि आईओए ने कलंकित व्यक्तियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी.