क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल पर खोजा दुर्लभ ‘एग रॉक”
वॉशिंगटन : मंगल ग्रह के रहस्यों को सुलझाने की कोशिश कर रहे नासा के रोवर कयूरियोसिटी ने उसकी सतह पर गोल्फ की गेंद के आकार का एक गोल पत्थर खोजा है और इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि आयरन और निकल वाला यह उल्कापिंड लाल गृह के आकाश से गिरा है. इस पत्थर […]
वॉशिंगटन : मंगल ग्रह के रहस्यों को सुलझाने की कोशिश कर रहे नासा के रोवर कयूरियोसिटी ने उसकी सतह पर गोल्फ की गेंद के आकार का एक गोल पत्थर खोजा है और इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि आयरन और निकल वाला यह उल्कापिंड लाल गृह के आकाश से गिरा है. इस पत्थर का नाम ‘एग रॉक’ रखा गया है. नासा ने बताया कि पृथ्वी पर आम तौर पर अंतरिक्ष से गिरे उल्कापिंड आयरन और निकल तत्वों के ही बने होते हैं.
मंगल में भी पहले इस तरह के उदाहरण देखे गये हैं लेकिन यह पहला अवसर है जब एग रॉक का अध्ययन लेजर युक्त स्पेक्ट्रोमीटर से किया गया है. इस तरह के अध्ययन के लिए रोवर की टीम ने क्यूरियोसिटी के कैमिस्टरी एंड कैमरा (चेमकैम) उपकरण का उपयोग किया. मंगल विज्ञान प्रयोगशाला (मार्स साइंस लेबोरेटॅरी-एमएसएल) परियोजना के वैज्ञानिक ही रोवर का संचालन कर रहे हैं और उन्होंने क्यूरियोसिटी के मास्ट कैमरा (मास्टकैम) से ली गई तस्वीरों में एग रॉक को पहली बार देखा.
यह तस्वीर लाल ग्रह पर उस जगह की है जहां रोवर 27 अक्तूबर को गया था. चेमकैम की टीम के सदस्य पियरे येज मेसलिन ने बताया कि जब हमें नयी जगह की मास्टकैम तस्वीरें मिलीं तो इसके आकार, रंग और बनावट ने एमएसएल के कुछ वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया. मेसलिन नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (सीएनआरएस) तथा फ्रांस स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ताउलाउस से संबद्ध हैं.
इस एग रॉक में चेमकैम ने आयरन, निकल, फॉस्फोरस जैसे तत्व पाये. वैज्ञानिक इस एग रॉक में दर्जनों लेजर कंपन से प्रकाश पुंज उत्पन्न कर उसके माध्यम से इसकी संरचना का विश्लेषण कर रहे हैं. मेसलिन ने कहा कि कुछ बिंदुओं पर निकल और फॉस्फोरस की प्रचुरता से आयरन निकल फॉस्फाइड खनिज की मौजूदगी का संकेत मिलता है जो कि आयरन निकल युक्त उल्कापिंडों के अलावा दुर्लभ होती है.