हमारे सैनिक भारतीय सीमा में नहीं घुसे : चीन

बीजिंग : चीन ने आज कहा कि किसी भी पक्ष की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास यथास्थिति को ‘‘बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई’ नहीं करनी चाहिए. साथ ही इसने इन खबरों से इनकार किया कि उसके सैनिक लद्दाख क्षेत्र के डेमचोक में भारतीय सीमा में घुसे. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2016 5:44 PM

बीजिंग : चीन ने आज कहा कि किसी भी पक्ष की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास यथास्थिति को ‘‘बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई’ नहीं करनी चाहिए. साथ ही इसने इन खबरों से इनकार किया कि उसके सैनिक लद्दाख क्षेत्र के डेमचोक में भारतीय सीमा में घुसे.

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं आपको बता सकती हूं कि चीन की सीमा पर तैनात सैनिक एलएसी पर चीन के भूभाग पर थे. चीन-भारत के बीच अभी तक सीमा का निर्धारण नहीं हुआ है लेकिन दोनों देशों के बीच सीमावर्ती इलाकों पर शांति और स्थिरता के लिए कई सहमति और समझौते हैं.’ खबर है कि चीन और भारत के सैनिकों के बीच लद्दाख में बुधवार से गतिरोध जारी है, जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान एक इलाके में घुस आए और मनरेगा के तहत हो रहे नागरिक कार्य को रोक दिया. इसके बाद से तनाव जारी है.

हुआ ने डैमचक में भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘भारतीय मीडिया में यह मुद्दा एक बार फिर उछला है.’ नहर कार्य का जिक्र करते हुए हुआ ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे एलएसी पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव आए.’ मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के बीच वार्ता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,

‘‘वर्तमान में दोनों देशों के बीच संवाद की प्रभावी प्रणाली है. हमारा मानना है कि सीमावर्ती इलाके में हम शांति और धैर्य बनाए रख सकते हैं.’ लेह से 250 किलोमीटर दूर डैमचक सेक्टर में करीब 55 चीनी सैनिक पहुंचे और उग्ररूप से वहां चल रहे काम को बंद करा दिया जिसके बाद सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान घटनास्थल पर पहुंचे और चीनी सैनिकों की मनमानी को रोका जहां एक गांव को ‘हॉट स्प्रिंग’ से जोड़ने का काम चल रहा था.

एलएसी 3488 किलोमीटर में फैली है. चीन जहां अरुणाचल प्रदेश को विवादित हिस्सा बताता है और दावा करता है कि यह दक्षिणी तिब्बत है वहीं भारत का कहना है कि अकसाई चीन विवादित हिस्सा है जिसे चीन ने 1962 के युद्ध में हड़प लिया था.

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