मजार-ए-शरीफ : तालिबान ने एक शक्तिशाली ट्रक बम के जरिए अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ शहर में स्थित जर्मन दूतावास पर हमला कर दिया। युद्ध प्रभावित इस देश में हुए इस बडे आतंकी हमले में कम से कम दो लोग मारे गए और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
तालिबान ने इसे अमेरिका के उन हवाई हमलों के ‘‘बदले में किया गया हमला” करार दिया है, जो इस माह की शुरुआत में अशांत कुंदुज प्रांत में किया गया था. उस हमले में 32 नागरिक मारे गए थे. आम तौर पर शांत रहने वाले मजार-ए-शरीफ में कल भारी विस्फोट हुआ और उसके बाद छिटपुट गोलीबारी हुई. इसके कारण आसपास की दुकानों की खिडकियांे के शीशे चटक गए और घबराए हुए स्थानीय नागरिक छिपने के लिए भागने लगे.
स्थानीय पुलिस प्रमुख सैयद कमाल सादत ने एएफपी को बताया, ‘‘आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी अपनी कार से शहर में स्थित जर्मन दूतावास की दीवार में टक्कर मार दी.” काबुल में मौजूद जर्मन अधिकारियों ने एएफपी द्वारा संपर्क किए जाने पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. बर्लिन में मौजूद एक राजनयिक सूत्र ने कहा कि विदेश मंत्री फ्रैंक-वाल्टर स्टीन्मीयर ने अपने मंत्रालय की एक आपात बैठक आयोजित की.
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दूतावास के बाहर और इसके मैदानों में लडाई चल रही थी. अफगान सुरक्षा बल और कैंप मार्मल (मजार-ए-शरीफ स्थित जर्मन बेस) के रेजोल्यूट सपोर्ट (नाटो) बल मौके पर मौजूद हैं.” घटनास्थल के पास मौजूद एएफपी के संवाददाता के अनुसार, अफगान विशेष बलों ने दूतावास को घेर लिया. इसे पहले मजार होटल के नाम से जाना जाता था. शुक्रवार की सुबह राजनयिक मिशन के उपर उडते हुए हेलीकॉप्टरों की आवाज सुनी जा सकती थी. वहीं इलाके में एंबुलेंस के सायरनों की आवाज गूंज रही थी. स्थानीय डॉक्टर नूर मोहम्मद फायेज ने कहा कि अब तक कम से कम दो शव और 100 से ज्यादा घायल लोगों को शहर के दो अस्पतालों में लाया जा चुका है. घायलों में कम से कम 10 बच्चे हैं. कई घायल लोगों की हालत नाजुक है.
तालिबान के प्रवक्ता जैबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि जर्मन दूतावास पर ‘‘शहादत हमले” में ‘‘दसियों घुसपैठिए” मारे गए. ये आतंकवादी हमलों से जुडे दावों को नियमित रुप से बढा चढाकर पेश करते आए हैं.