तोक्यो : अपने तीन दिवसीय जापान यात्रा के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-जापान की कंपनियों के सीइओ से मिले. मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि एशिया के इमर्जेंस में भारत और जापान मुख्य भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि दोनों देश साथ काम करने के लिए तत्पर हैं. भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की सिखाई बातों से प्रेरणा लेता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जापानी निवेश आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत को वित्तीय संसाधनों की काफी जरुरत है और उनकी सरकार देश को विश्व की ‘‘सबसे मुक्त’ अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सुधारों को आगे बढा रही है. ‘इंडिया-जापान बिजनेस लीडर्स फोरम’ में कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने जीएसटी मुद्दे पर हुई प्रगति का जिक्र किया और भारत में कारोबार को आसान बनाने के लिए नीतियों एवं निवेश नियमों में किए गए अन्य सुधारों पर भी बात की.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ को बढावा देने के लिए और स्थायी एवं पारदर्शी नियमन प्रणालियों के माध्यम से सकारात्मक माहौल बनाने के वास्ते सुधार नीतियों को आगे बढाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत आर्थिक सुधारों की एक नई दिशा में बढ रहा है. मेरा संकल्प इसे विश्व की सबसे मुक्त अर्थव्यवस्था बनाने का है.’
आज के दिन की शुरुआत पीएम मोदी ने जापान के सम्राट अकिहितो के साथ बातचीत से की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘‘एक दुर्लभ बातचीत जो भारत एवं जापान के बीच गर्मजोशी भरे अनूठे संबंधों का प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के महामहिम सम्राट अकिहितो का अभिवादन किया.’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘सभ्यता की बात की गई.
प्रधानमंत्री मोदी और सम्राट अकिहितो ने भारत एवं जापान के संबंधों एवं एशिया के भविष्य पर बातचीत की.’ यह बातचीत मोदी और अबे के बीच व्यापक मुद्दों पर चर्चा से पहले की गई जिसका लक्ष्य द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को प्रोत्साहित करना था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के उनके समकक्ष के बीच शुक्रवार को व्यापक विषयों पर चर्चा के बाद दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किये जायेंगे, साथ ही महत्वपूर्ण असैन्य परमाणु करार होने की भी संभावना है. दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान द्विपक्षीय सामरिक संबंधों को गति दी जायेगी.