नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार केंद्रीय विधि मंत्रालय की केंद्र सरकार की मंजूरी को अनिवार्य बताने वाली राय देने के बावजूद गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक केंद्र की मंजूरी लिए बिना पेश करने वाली है.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारी स्थिति पर कोई पुनर्विचार नहीं होगा. हम जनलोकपाल विधेयक को पेश करने जा रहे हैं.’’ सरकार के सूत्रों ने बताया कि सदन में गुरुवार को जनलोकपाल विधेयक पेश किया जाएगा और इसको पेश करने पर कोई पुनर्विचार नहीं होगा, इसके बावजूद कि कानून मंत्रालय ने राय दी है कि केंद्र सरकार की मंजूरी जरुरी है.
चार दिनों का सत्र जन लोकपाल और स्वराज विधेयक को पारित कराने के लिए बुलाया जा रहा है.आप सरकार ने एलान किया है कि सत्र का आखिरी दिन इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा.उप राज्यपाल नजीब जंग ने बीते सोमवार को केंद्रीय विधि मंत्रालय से संवैधानिक स्थिति को लेकर राय मांगी थी कि क्या विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक पेश करने से पहले केंद्र सरकार की मंजूरी जरुरी है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते रहे हैं कि केंद्र की मंजूरी जरुरी नहीं है, वहीं भाजपा और कांग्रेस के विचार हैं कि नियम के मुताबिक मंजूरी लेना जरुरी है.बीते रविवार को केजरीवाल ने धमकी दी थी कि अगर जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे.
उधर, आप की सरकार ने बुधवार को जंग के उस आग्रह को ठुकरा दिया कि विधानसभा का विशेष सत्र आगामी 16 फरवरी को इंदिरा गांधी स्टेडियम में नहीं बुलाया जाए. सरकार ने कहा कि वह अपनी योजना पर आगे बढ़ेगी.