संसद का शीतकालीन सत्र आज से, नोटबंदी के खिलाफ केंद्र को घेरेगा विपक्ष

नयी दिल्ली : संसद का बुधवार यानी आज से शुरू होनेवाला शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार रहेगा. 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ एकजुट हुए विपक्ष ने संसद में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है. विपक्षी दल सत्र के दौरान सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक, जम्मू-कश्मीर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2016 7:24 AM

नयी दिल्ली : संसद का बुधवार यानी आज से शुरू होनेवाला शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार रहेगा. 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ एकजुट हुए विपक्ष ने संसद में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है. विपक्षी दल सत्र के दौरान सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक, जम्मू-कश्मीर की स्थिति, वन रैंक-वन पेंशन और किसानों की स्थिति जैसे मुद्दों को उठायेंगे, जो एक महीने चलेगी. विपक्ष के एजेंडे में बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय पर संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग भी है.

वहीं, सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी नेताओं से मुलाकात की और कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने का आग्रह किया. प्रधानमंत्री ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराने का भी समर्थन किया. उन्होंने उम्मीद जतायी कि संसद का यह सत्र सार्थन होगा और इस संदर्भ में पिछले सत्र में जीएसटी विधेयक पारित कराने में सभी दलों के सहयोग को भी याद किया. इससे पहले, कांग्रेस के नेतृत्व में बुलायी गयी बैठक में सभी विपक्षी दलों ने सत्र के दौरान सरकार को बड़े नोटों को अमान्य करने के उसके कदम पर घेरने का निर्णय किया.

बैठक में तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, सपा, बसपा, जदयू, राजद, झामुमो समेत 13 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए. विभिन्न दलों ने लोकसभा एवं राज्यसभा में अलग-अलग कार्यस्थगन नोटिस दिया है और इस बारे में चर्चा कराने और आम लोगों को हो रही परेशानियों को उठाने पर जोर दिया है. हालांकि, इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए राष्ट्रपति भवन मार्च के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी. अधिकांश दल इस मुद्दे पर पहले ही दिन राष्ट्रपति भवन मार्च करके इस मुद्दे के प्रभाव को कम नहीं करना चाहते थे. इस मुद्दे पर बुधवार को इन नेताओं की फिर बैठक होगी, ताकि इस बारे में रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सके.

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है, जब कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का इतना बड़ा समूह एक साथ आया है और बड़े नोटों को अमान्य करने पर सरकार को घेरने की तैयारी की है.

22 बिल पेश होने की संभावना

शीतकालीन सत्र के दौरान 22 से 23 विधेयक पेश किये जाने की संभावना है. इसमें प्रमुख रूप से जीएसटी से जुड़े तीन विधेयक, किराये के कोख संबंधी नियमन के विधेयक, भारतीय प्रबंध संस्थान-2016 विधयेक और तलाक संशोधन विधयेक शामिल है. इस सत्र में 22 बैठकें होंगी. इसकी जानकारी सोमवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में स्पीकर सुमित्रा महाजन ने दी.

कागजरहित होगी लोकसभा की कार्यवाही

लोकसभा ने सदन की कार्यवाही को कागज रहित बनाने की दिशा में कदम उठाया है. कैग समेत बड़े रिपोर्ट की एक-एक प्रति पार्टी कार्यालयों को भेजी जायेगी, जबकि सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट की कॉपी ऑनलाइन भेजी जायेगी. आम बजट और रेल बजट की न्यूनतम प्रतियां छपवायी जायेंगी. इस कार्य के लिए पहले ही एक ई-पोर्टल पेश किया जा चुका है, जिस पर सभी सवाल और रिपोर्ट अपलोड किये जा रहे हैं.

सरकार जवाब देने को तैयार

सरकार विपक्ष द्वारा उठाये गये सभी मुद्दों पर चर्चा कराने और जवाब देने को तैयार है. हमने कालाधन, भ्रष्टाचार के साथ फर्जी नोटों के खिलाफ युद्ध छेड़ा है, जो सीमा पार आतंकवाद के कारणों में है. सभी दलों को राष्ट्रहित के मुद्दों पर साथ आना चाहिए.

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

राष्ट्रपति भवन मार्च जल्दबाजी

विपक्षी दलों में इस बारे में सर्वसम्मति थी कि पहले दिन संसद के भीतर चर्चा होनी चाहिए. जहां तक राष्ट्रपति भवन तक मार्च का सवाल है, अभी ऐसा करना जल्दबाजी होगी. इसे पहले विभिन्न संसदीय मंचों पर इसे उठाया जाना चाहिए.

गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस

हर व्यक्ति मुशकिल में

500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित करने के कदम के कारण देश में हर व्यक्ति मुश्किल से गुजर रहा है. करीब 4000 ट्रक सड़क के किनारे खड़े हो गये हैं. बाजार से लेकर कृषि तक का काम रुक गया है. संसद में हम इस पर चर्चा करेंगे.

शरद यादव, जदयू

आम लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था होने तक सही कार्यों के लिए पुराने नोटों का उपयोग करने दिया जाना चाहिए. मोदी सरकार का यह फैसला तुगलकी है. इससे आम जनता परेशान है और बाजार ठप पड़ गया है. कोई काम नहीं हो रहा है.

सीताराम येचुरी, माकपा

Next Article

Exit mobile version