भारत ने अपने सैनिकों की हत्या, शव को क्षत-विक्षत करने के खिलाफ दर्ज कराया सख्त विरोध
इस्लामाबाद : भारत ने अपने सैनिकों की हत्या किए जाने और उनमें से एक का शव क्षत विक्षत किए जाने के खिलाफ आज उस वक्त सख्त विरोध दर्ज कराया, जब पाक विदेश कार्यालय ने बगैर उकसावे के संघर्ष विराम का कथित उल्लंघन किए जाने को लेकर यहां उप उच्चायुक्त को तलब किया था. भारतीय उप […]
इस्लामाबाद : भारत ने अपने सैनिकों की हत्या किए जाने और उनमें से एक का शव क्षत विक्षत किए जाने के खिलाफ आज उस वक्त सख्त विरोध दर्ज कराया, जब पाक विदेश कार्यालय ने बगैर उकसावे के संघर्ष विराम का कथित उल्लंघन किए जाने को लेकर यहां उप उच्चायुक्त को तलब किया था.
भारतीय उप उच्चायुक्त जेपी सिंह को महानिदेशक (दक्षिण एशिया और दक्षेस) मोहम्मद फैसल ने बुलाया था. सिंह ने उन्हें इस बात से भी वाकिफ कराया कि पाकिस्तानी सैनिक जानबूझ कर रिहाइशी इलाकों को निशाना बना रहे हैं, जिसके परिणामस्वरुप जान माल को काफी नुकसान पहुंच रहा है. सिंह ने भारतीय सैनिकों के मारे जाने और उनमें से एक का शव क्षत विक्षत किए जाने को लेकर सख्त विरोध दर्ज कराया.
एक महीने से भी कम समय में इस तरह की यह दूसरी घटना है. सिंह ने कल दो भारतीय सैनिकों के मारे जाने को लेकर भी विरोध दर्ज कराया. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तानी बलों द्वारा बार बार संघर्ष विराम उल्लंघन करने और तोपों तथा 120 मिमी के भारी मोर्टारों का इस्तेमाल करने के मुद्दे को भी उठाया. सिंह ने पाकिस्तान से कहा कि पाकिस्तानी सुरक्षा बल घुसपैठियों को कवर फायर मुहैया कर रहे हैं और पाकिस्तानी चौकियों के पास आतंकवादियों की हरकतें बढी हैं.
वहीं, भारतीय बलों द्वारा नियंत्रण रेखा :एलओसी: पर जंदरोट, निकाइल, केरेला और बरोह क्षेत्रों में 21 नवंबर के बगैर उकसावे के संघर्ष विराम के कथित उल्लंघन की फैसल ने अपनी ओर से निंदा की. इस घटना में चार नागरिक मारे गये थे और 10 अन्य घायल हो गये थे.
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि महानिदेशक ने 14 नवंबर 2016 को भारतीय नौसेना पनडुब्बी द्वारा ‘पाकिस्तान के समुद्री विशेष आर्थिक क्षेत्र’ का कथित उल्लंघन किए जाने की भी निंदा की. साथ ही, इसे संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून समझौता (यूएनसीएलओएस) का भी उल्लंघन बताया. इसने बताया कि फैसल ने भारत से 2003 के संघर्ष विराम सहमति और ‘यूएनसीएलओएस’ का सम्मान करने, संघर्ष विराम के उल्लंघनों के जारी रहने की जांच करने और भारतीय बलों या अधिकारियों को संघर्ष विराम तथा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का अक्षरश: सम्मान करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया.