कांथा स्टीचिंग से रोजगार पा रही 360 महिलाएं
शचिंद्र कुमार दाशझारक्राफ्ट की ओर से सरायकेला-खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड के 10 गांवों में 12 केंद्र खोल कर इंब्रोडरी से कांथा स्टीचिंग के जरीये 360 महिलाओं को स्वरोजगार दिया जा रहा है. खरसावां अग्र परियोजना केंद्र की देखरेख में इन केंद्रों से उत्पादन शुरू कर दिया गया है. प्रत्येक केंद्र में 30 से 35 […]
शचिंद्र कुमार दाश
झारक्राफ्ट की ओर से सरायकेला-खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड के 10 गांवों में 12 केंद्र खोल कर इंब्रोडरी से कांथा स्टीचिंग के जरीये 360 महिलाओं को स्वरोजगार दिया जा रहा है. खरसावां अग्र परियोजना केंद्र की देखरेख में इन केंद्रों से उत्पादन शुरू कर दिया गया है. प्रत्येक केंद्र में 30 से 35 महिलाएं कार्य कर रही हैं. पूर्व में इन महिलाओं को तीन माह का प्रशिक्षण दिया गया था.
फिलहाल इन केंद्रों में कुरती के कपड़ों के साथ-साथ तसर की साड़ी पर इंबोडोरी से कांथा स्टीच का कार्य हो रहा है. इस के लिए महिलाओं को सरकार की ओर से निर्धारित राशि मेहनताना के रूप में मिल रही है. कुरती व सिल्क की साड़ी पर इंबोडरी से कांथा स्टीच करने के बाद झॉरक्राफ्ट के माध्यम से बाजार में बेचा जा रहा है. अग्र परियोजना पदाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि कांथा स्टीचिंग के माध्यम से गांव की महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. महिलाएं घरों पर भी कार्य कर जीविकोपाजर्न कर रही हैं.
महिलाएं साड़ियों में कांथा स्टीच का कार्य कर अच्छा रोजगार प्राप्त कर रही हैं तथा आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही हैं. प्रखंड के राजनगर पंचायत के नामीबेडा गांव में 32 महिला, राजनगर गांव के दो केंद्रों में 60 महिला, कुड़मा पंचायत के धोलाडीह गांव की महिला, बिजाडीह पंचायत के बोरेह गांव में 35 महिलाएं, पोटका पंचायत के पोटका गांव में 30 व तेलाय गांव में 35 महिला, जामबनी पंचायत के जामबनी गांव की 30 महिला, गम्हरिया पंचायत के गम्हरिया गांव में 35, गाजीडीह में 30 व चाड़री गांव के दो केंद्रों में 67 महिलाएं कुरती व सिल्क की साड़ी इंब्रोडरी से कांथा स्टीच कार्य कर रही हैं. राजनगर के गांवों में तैयार हो रहे कपड़े देश के विभिन्न हिस्सों में खेले गये झारक्राफ्ट के मार्ट के अलावा विदेशों में भी भेजे जा रहे हैं. कुरती व साड़ियों की मांग अमेरिका, इंग्लैंड, तुर्की, लैबनान ढाका, जर्मनी, बांग्लादेश, मलेशिया, आस्ट्रेलिया, डेनमार्क, फ्रांस, न्यूजीलैंड, जापान में काफी है.