तन के लिए जरूरी धन है तनख्वाह

किसी नौकरी के बदले साप्ताहिक, मासिक या सालाना मिलनेवाले मेहनताने को तनख्वाह कहते हैं. यह फारसी शब्द है, जो तन और ख्वाह के योग से बना है. फारसी में तन कहते हैं शरीर को. और ख्वाह प्रत्यय है, जिसका अर्थ होता है- चाहनेवाला, अच्छा लगनेवाला. इसका ताल्लुक ख्वाहिश शब्द से है. जैसे, जो चीज हमारे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2014 10:09 AM

किसी नौकरी के बदले साप्ताहिक, मासिक या सालाना मिलनेवाले मेहनताने को तनख्वाह कहते हैं. यह फारसी शब्द है, जो तन और ख्वाह के योग से बना है. फारसी में तन कहते हैं शरीर को. और ख्वाह प्रत्यय है, जिसका अर्थ होता है- चाहनेवाला, अच्छा लगनेवाला. इसका ताल्लुक ख्वाहिश शब्द से है. जैसे, जो चीज हमारे दिल को भाये उसे दिलख्वाह कहते हैं. इसी तर्ज पर तनख्वाह का मूल अर्थ हुआ तन को अच्छा लगनेवाला या तन की चाहत. तन की चाहत को आम तौर पर एक अलग अर्थ में लिया जाता है, लेकिन उसकी पहली जरूरत है भरण-पोषण, जिसके लिए धन चाहिए. और यही धन तनख्वाह है. बताते चलें कि अरबी में तनख्वाह के लिए तलब शब्द है, जो हिंदी-उर्दू में भी चलता है. तलब में भी जरूरत और चाह का ही अर्थ है.

अकसर लोग ‘तन-मन-धन से लगने’ के मुहावरे का इस्तेमाल करते हैं. वे मन और धन की तरह ‘तन’ को भी संस्कृत मूल का शब्द मानते हैं. जबकि ऊपर उसे फारसी का शब्द बताया गया है. दरअसल, संस्कृत और फारसी एक ही परिवार की भाषाएं हैं. संस्कृत में शरीर के लिए ‘तनु’ शब्द है, जो तन् धातु से आया है. तन् में किसी चीज से पैदा होने, संतति, किसी चीज के विस्तार या निरंतरता आदि का अर्थ है. शरीर में भी कुछ ऐसी ही खूबियां हैं. अगर आपको ऐसी ही खूबियां धागे आदि में नजर आ रही हों, तो बता दें कि तंतु शब्द भी इसी तन् धातु से आया है.

तनख्वाह के लिए संस्कृत मूल का शब्द है वेतन. मोनियर-विलियम्स के संस्कृत शब्दकोश में बताया गया है कि उनादी सूत्र के मुताबिक वेतन शब्द ‘वर्तन’ का भ्रष्ट रूप है. इसके मूल में वृत् धातु है. वृत् से ही वृत्ति (जीविका) और वार्त्त (रोजी-रोजगार, जीविका, पेशा, बिचौलिया या दलाली का धंधा) शब्द भी बने हैं. वर्तन में तनख्वाह के अलावा आचरण, प्रक्रिया, वाणिज्य, कमाने, किसी चीज को ऐंठने, गतिशील बनाने, तकियाकलाम आदि अर्थ भी हैं. दरअसल, वृत् धातु में जो चक्रीय (वृत्त जैसा) भाव है, वह इससे बने तमाम शब्दों में दिखायी देता है. चाहे वह आवृत्ति, प्रवृत्ति हो या कोई और. वेतन (वर्तन) भी तो एक निश्चित चक्र से बंधा होता है. नयी पीढ़ी वेतन के लिए प्राय: अंगरेजी शब्द सैलरी (salary) का इस्तेमाल करती है. यह लैटिन के salariu से बरास्ता पुरानी फ्रांसीसी आया है, जिसका अर्थ है नमक खरीदने का भत्ता. नमक को लैटिन में sal कहते हैं, जिससे अंगरेजी में saltशब्द बना है. दरअसल, रोमन साम्राज्य में सैनिकों को नमक खरीदने के लिए एक नियमित राशि दी जाती थी. बाद में अन्य नियमित भुगतानों के लिए भी यह शब्द इस्तेमाल होने लगा.

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