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इंडोनेशिया में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या 97 हुई, बड़े पैमाने पर बचाव अभियान जारी

मरुडु (इंडोनेशिया) : इंडोनेशिया के असेह प्रांत में आज तड़के समुद्र की गहराईयों में आये भूकंप के कारण कम से कम 97 लोगों की मौत हो गयी. सेना के हवाले से खबर आयी है कि मरने वालों की संख्‍या 97 हुई है. इस प्राकृतिक आपदा में ध्वस्त हो चुकी और क्षतिग्रस्त इमारतों के मलबों में […]

मरुडु (इंडोनेशिया) : इंडोनेशिया के असेह प्रांत में आज तड़के समुद्र की गहराईयों में आये भूकंप के कारण कम से कम 97 लोगों की मौत हो गयी. सेना के हवाले से खबर आयी है कि मरने वालों की संख्‍या 97 हुई है. इस प्राकृतिक आपदा में ध्वस्त हो चुकी और क्षतिग्रस्त इमारतों के मलबों में जीवित लोगों की खोज के लिए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. असेह प्रांत में सैन्य प्रमुख मेजर जनरल ततांग सुलेमान ने बताया कि भूकंप के केंद्र के सबसे नजदीक स्थित पीडी जाया जिले में 52 लोगों की मौत हुई है.

पडोसी बिरेयन जिले में दो अन्य लोगों की मौत हुई है. राष्ट्रीय आपदा राहत एजेंसी ने बताया कि 78 लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं. ग्रामीणों, सैनिकों और पुलिस द्वारा किया जा रहा बचाव अभियान मुख्य रूप से मरुडु पर केंद्रित है. पीडी जाया जिले का यह शहर भूकंप से काफी प्रभावित हुआ है. बचावकर्मी भूकंप के कारण ध्वस्त हुई इमारतों का मलबा हटाने का प्रयास कर रहे हैं. माना जा रहा है कि मलबे के नीचे कई लोग दबे हो सकते हैं.

जिला प्रमुख अय्यूब अब्बास ने बताया कि भूकंप के केंद्र से 18 किमी दूर दक्षिण पश्चिम में स्थित इस जिले में अनेक मस्जिदों समेत 40 से ज्यादा इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. सड़कों में दरारें आ गई हैं और बिजली के खंबे गिर पड़े हैं.

स्थानीय जिला सचिव इस्कंदर अली ने भी हताहतों की संख्या की पुष्टि करते हुए कहा कि शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि भूकंप के कारण कम से कम 25 लोगों की जान गयी है.

युद्ध स्‍तर पर चल रहा है बचाव राहत कार्य

मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए बचाव अभियान जारी है. मलबे को हटाने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि स्थानीय रहवासी सड़कों पर रहने को मजबूर हैं क्योंकि उनके घर क्षतिग्रस्त हो चुके है तथा उन्हें और झटके आने का डर भी है.

तस्वीरों से पता चल रहा है कि भूकंप के कारण घर और मस्जिदें ढह गये हैं और कारें मलबे के नीचे दबी पड़ी हैं.

मरुडु निवासी हस्बी जाया (37) ने कहा कि जब भूकंप आया, तब उनका परिवार सो रहा था. उन्होंने कहा, ‘हम तत्काल घर से बाहर भागे. मकान ढह गया. छत से लेकर फर्श तक सब कुछ ढह गया, तबाह हो गया.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने चारों ओर देखा. मेरे सभी पड़ोसियों के घर भी तबाह हो चुके थे.’

घायलों से अटे पड़े हैं अस्‍पताल

स्थानीय अस्पताल में घायलों का इलाज इमारत से बाहर किया जा रहा है. उप जिला प्रमुख सैद मुलयादी ने बताया कि मरीजों को पडोसी जिले में भेजा जा रहा है जहां बेहतर सुविधाएं हैं. उन्होंने बताया मृतकों में कम से कम सात बच्चे हैं और बड़ी संख्या में बच्चे ऐसे हैं जिनकी हड्डियां टूट गईं और वे जख्मी हुए हैं.

मुलयादी के मुताबिक कई दुकानें ध्वस्त हो गयी हैं और उनमें फंसे हुए कई लोग जिंदा हैं. भूकंप विज्ञानियों ने बताया कि असेह प्रांत के ज्यादातर हिस्सों में भूकंप महसूस किया गया. वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी में यह क्षेत्र तबाह हो गया था.

मौसम विज्ञान, जलवायु एवं भूभौतिकी एजेंसी के स्थानीय प्रमुख एरिदावति ने कहा कि भूकंप के बाद कम से कम पांच झटके और आए. यूएसजीएस ने पहले बताया था कि 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था लेकिन उसने बाद में तीव्रता में संशोधन करके बताया कि भूकंप की तीव्रता 6.5 थी. उसने जान-माल का नुकसान होने की आशंका के लिए येलो अलर्ट जारी किया.

यहां क्‍यो आता है भूकंप

इंडोनेशिया में भूकंपीय और ज्वालामुखीय हलचल होती रहती है क्योंकि यह प्रशांत क्षेत्र में ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित है जहां टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं. असेह प्रांत सुमात्रा द्वीप के उत्तरी छोर पर है. यह इलाका भूकंप के लिहाज से खासतौर पर संवदेनशील है. गत जून माह में सुमात्रा के पश्चिमी इलाके में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें बड़ी संख्या में इमारतें क्षतिग्रस्त हुई थीं और आठ लोग जख्मी हुए थे.

हिंद महासागर में वर्ष 2004 में भूकंप के कारण सुनामी आई थी जिसने असेह के कुछ हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया था. सुनामी के कारण इंडोनेशिया में 1,70,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी. इसके अलावा हिंद महासागर के ईदगिर्द के अन्य देशों में कई लोग मारे गये थे.

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