बीजिंग : दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को आर्थिक मोर्चे पर करारा झटका लगा है. उसकी विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी करीब 2.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है, जिससे उसकी मुद्रा के मूल्य भी घट गये हैं. इस गिरावट से उसकी घरेलू मुद्रा यूआन के वैश्वीकरण की प्रक्रिया को भी तेज झटका लगा है.
विदेशी विनिमय प्रशासन (सेफ) के अनुसार, चीन का विदेशी मुद्रा भंडार नवंबर में अक्तूबर की तुलना में 69.1 अरब डॉलर यानी 2.2 फीसदी घटकर 3,050 अरब डॉलर रह गया. पिछले महीने चीन का विदेशी मुद्रा भंडार अपने पांच साल के निचले स्तर पर आ गया था. इस साल जनवरी के बाद नवंबर का आंकड़ा एक महीने की सबसे बड़ी गिरावट है. इससे चीन का विदेशी मुद्रा भंडार मार्च, 2011 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है.
इस बीच, शंघाई से एएफपी की खबर के अनुसार, चीन ने कुछ क्षेत्रों में विदेशी निवेश पर अंकुश में ढील देने का फैसला किया है. विदेशों में चीनी निवेश में जोरदार बढ़ोतरी के बीच यह आशंका जतायी जा रही है कि यहां से पूंजी का प्रवाह दूसरे देशों को हो रहा है. डॉलर के मुकाबले यूआन नीचे आ रहा है. चीन की आर्थिक योजना एजेंसी के जारी नोटिस के अनुसार, आटोमोटिव इलेक्ट्रानिक्स, रेल परिवहन उपकरण, कुछ खनन, कृषि और रसायन उत्पादन, थीम पार्कों तथा गोल्फ कोर्स आदि में विदेशी निवेश अंकुश में ढील दी जा सकती है.