ओबामा ने कहा- सीरिया में खून से रंगे हैं असद, रूस और ईरान के हाथ
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि आठ साल पहले के मुकाबले अमेरिका आज कहीं ज्यादा मजबूत और समृद्ध है. इसका श्रेय चार-चार साल के दो कार्यकालों के दौरान उनकी ओर से उठाये गये कदमों को जाता है. ओबामा ने अपने अंतिम वर्षांत प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि धरती का लगभग हर देश अमेरिका […]
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि आठ साल पहले के मुकाबले अमेरिका आज कहीं ज्यादा मजबूत और समृद्ध है. इसका श्रेय चार-चार साल के दो कार्यकालों के दौरान उनकी ओर से उठाये गये कदमों को जाता है. ओबामा ने अपने अंतिम वर्षांत प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि धरती का लगभग हर देश अमेरिका को आठ साल पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा मजबूत मानता है और कहीं अधिक सम्मानजनक नजरों से देखता है.
विदेश नीति पर उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पदभार संभाला था, तब अमेरिका दो युद्धों में फंसा था. सैनिकों की संख्या लगभग 1,80,000 से घटा कर 15,000 तक ले आये. बिन लादेन को भागने नहीं दिया, बल्कि हजारों अन्य आतंकियों समेत उसे युद्ध क्षेत्र से खत्म कर दिया गया. कूटनीति के जरिये हमने यह सुनिश्चित किया कि ईरान के साथ युद्ध शुरू किये बगैर ही उसे परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोका जाये. उन्होंने कहा कि क्यूबा के लोगों के साथ हमने नये अध्याय की शुरुआत की. वहीं, जलवायु समझौते पर हम लगभग 200 देशों को एकजुट करने में कामयाब रहे हैं, जिससे हमारे बच्चों की खातिर इस धरती को बचाने की राह प्रशस्त हो सकेगी.
ओबामा ने कहा कि जनवरी, 2009 में जब वह अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति बने थे, बेरोजगारी की दर 10 फीसदी की ओर बढ़ रही थी, लेकिन आज यह लगभग एक दशक में सबसे कम 4.6 फीसदी है. बीते कुछ वर्षों में वेतन में भी बढ़ोतरी देखी गयी, जो बीते 40 साल में सबसे ज्यादा है. बीते 50 वर्ष में गरीबी दर सर्वाधिक तेजी से घटी है. ओबामा ने कहा कि उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह देशभर में अच्छे काम कर रहे संगठनों और लोगों के साथ मिल कर काम करते रहेंगे. बता दें कि ओबामा का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है.
उम्मीद है रूसी हैकिंग मुद्दे को गंभीरता से लेंगे ट्रंप
ओबामा ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूसी हैकिंग मुद्दे को गंभीरता से लेंगे. इसको लेकर कोई बड़ा विवाद नहीं हैं. हमने जो भी कहा है वह तथ्य है, जो समान खुफिया आकलनों पर आधारित है. डीएनसी को हैक करने के पीछे रूस का हाथ है और परिणामस्वरूप हमारे लिए आवश्यक है कि इसके सभी तत्वों की समीक्षा कर सुनिश्चित करें कि हम भविष्य में साइबर हमलों द्वारा ऐसे हस्तक्षेपों पर रोक लगा पाने में सक्षम हों. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि जब ट्रंप अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे, तो अपने जिम्मेदारियां विचार होंगे.
सीरिया में खून से रंगे हैं असद, रूस और ईरान के हाथ
ओबामा ने कहा कि सीरिया के अेलप्पो में बड़े पैमाने पर हुई हत्याओं के जिम्मेदार बशर अल असद का शासन, ईरान और रूस हैं. जब तक सीरिया पर सैन्य नियंत्रण नहीं होता, तब तक इस युद्ध को रोकने के लिए वाशिंगटन कुछ नहीं कर सकता. उन्होंने असद को चेतावनी देते हुए कहा कि जनसंहार के बल पर वह अपनी वैधता स्थापित नहीं कर पायेंगे. इस खूनखराबे और अत्याचार के जिम्मेदार वही हैं. युद्ध की शुरुआत में बड़े पैमाने पर अमेरिकी सेना के दखल के पक्ष में जनसमर्थन हासिल नहीं था, जबकि उनके हिसाब से युद्ध को रोकने का एकमात्र रास्ता यही होता.