अंकारा: पूर्वी यूरोपीय देश तुर्की की राजधानी अंकारा में रूस के राजदूत की हत्या कर दी गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार राजदूत की हत्या करने वाला शख्स तुर्की का एक पुलिस अधिकारी ही है जिसने एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें गोली मार दी. हत्या से पहले हत्यारे को नारे लगाते देखा गया था. वह बार-बार नारे लगा रहा था कि ये अलेप्पों का बदला है…..
तुर्की में रूस के राजदूत आंद्रे कार्लोफ की हत्या के बाद अब प्रश्न यह उठ रहा है कि आखिर इस हत्या के पीछे वजह क्या रही होगी ? अंकारा में राजदूत एक आर्ट गैलेरी में एक प्रदर्शनी में भाषण देने के लिए उठे ही थे उसी वक्त 22 साल के मेवलुत मेर्त एडिन्टास ने उनपर गोली चला दी. बताया जा रहा है कि हमलावर एक पुलिस अधिकारी हैं.
यहां उल्लेख कर दें कि सीरिया में चल रहे गृह युद्ध में रूस ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल-असद को समर्थन दिया है. इस तरह रूस सीरियाई विद्रोहियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी कर रहा है.
रूस की इस कार्रवाई से तुर्की में एक बड़ा तबका नाराज है और खुद को अपमानित महसूस कर रहा है. रूस के इस समर्थन को लेकर तुर्की में हाल ही में कई विरोध प्रदर्शन देखे गए हैं लेकिन कुछ जानकारों का मानना है कि हो सकता है कि हमलावर ने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया हो जबकि कुछ का मानना है कि हत्यारा उस तबके का हिस्सा हो सकता है जो रूस की सीरिया में हो रही कार्रवाई से नाराज है. इसको लेकर जानकारों में एक मत नहीं है.
गौरतलब है कि पिछले साल तुर्की ने रूस के एक लड़ाकू विमान को अपने हवाई क्षेत्र में मार गिराया था. तुर्की ने अपने हवाई क्षेत्र में इस विमान के प्रवेश को नियम का उल्लंघन करार दिया था हालांकि इसके बाद से तुर्की और रूस ने आपस में किसी भी टकराव से बचने की कोशिश की थी और आपसी रिश्ते सामान्य बनाने के प्रयास में जुट गए थे.
किन्तु अब रूसी राजदूत आंद्रे कार्लोफ़ की हत्या के बाद शायद ही यह कोशिश अपने अंजाम तक पहुंचे. सीरिया को समर्थन देने के बाद से रूस के साथ तुर्की के रिश्तों में खटास देखी जाने लगी थी.
रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की में रुस के राजदूत की हत्या को ‘‘उकसाने के लिए’ किया गया कृत्य बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य दोनों देशों के बेहतर होते संबंधों को और सीरिया के संकट के हल की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को प्रभावित करना है. पुतिन ने कहा, ‘‘जो अपराध किया गया, वह निस्संदेह उकसाने के लिए किया गया जिसका उद्देश्य रुस और तुर्की के सामान्य हो रहे संबंधों को और सीरिया में शांति की प्रक्रिया को बाधित करना है.’