अब नहीं होगा पासवर्ड हैक
क्या है ज्योग्राफिकल पासवर्ड ज्योग्राफिकल पासवर्ड सिस्टम विशेष यादगार जगह के देशांतर, अक्षांश, ऊंचाई, सीमा क्षेत्र, इसकी परिधि, पक्षों, कोण आदि से उत्पन्न भौगोलिक जानकारी का प्रयोग करता है. इस प्रकार भले ही दो उपयोगकर्ता अपने भौगोलिक पासवर्ड के रूप में एक ही जगह चुनें, लेकिन उनकी पासवर्ड सेटिंग औरों से अलग ही रहती है. […]
क्या है ज्योग्राफिकल पासवर्ड
ज्योग्राफिकल पासवर्ड सिस्टम विशेष यादगार जगह के देशांतर, अक्षांश, ऊंचाई, सीमा क्षेत्र, इसकी परिधि, पक्षों, कोण आदि से उत्पन्न भौगोलिक जानकारी का प्रयोग करता है. इस प्रकार भले ही दो उपयोगकर्ता अपने भौगोलिक पासवर्ड के रूप में एक ही जगह चुनें, लेकिन उनकी पासवर्ड सेटिंग औरों से अलग ही रहती है. यह शोध सुरक्षा और नेटवर्क्स की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित हुआ.
इस समय ऑनलाइन अकाउंट हैक होने के मामलों में बड़ी संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इन्हें देख कर ऐसा लगता है कि पासवर्ड को बचाना और खातों को सुरक्षित रख पाना असंभव होता जा रहा है, लेकिन अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. एक कम्प्यूटर वैज्ञानिक ने ऑनलाइन खातों को बचाने और हैकर्स को दूर रखने का एक उपाय निकाला है. इस युक्ति को उसने ‘ज्योग्राफिकल पासवर्डस, नाम दिया है. ज्योग्राफिकल पासवर्डस का आविष्कार संयुक्त अरब अमीरात स्थित रास अल खमा के जेडएसएस-रिसर्च के कम्प्यूटर वैज्ञानिक जियाद अल-सलौम ने किया है. यह विभिन्न संस्थाओं को एक ऐसा सरल और साथ ही व्यावहारिक पासवर्ड देता है, जिससे सुरक्षित तरीके से लेन-देन हो सके. इसके साथ ही, यह मौजूदा पासवर्ड से जुड़े कई संभावित खतरों को भी कम करेगा.
जेडएसएस-रिसर्च में विकसित किया गया प्रोटोटाइप (प्रतिमान) सिस्टम एक सिस्टम का पासवर्ड जान लेने के बाद उत्पन्न होनेवाले खतरों से बचाने में सक्षम है. अल-सलौम ने तर्कदिया कि एक जिटल पासवर्ड की अपेक्षा ऐसी जगह को याद रखना कहीं आसान है जहां आप अर्से पहले गये हों. अल सलौम ने जोर दिया कि पारंपरिक पासवर्ड के बदले प्रभावी पासवर्ड प्रस्तुत करके डाटा में सेंध लगने की संभावना को 76 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है.
यह तथ्य दर्ज करायी 47,000 से अधिक सुरक्षा संबंधी घटनाओं के विेषण पर आधारित है.