4 साल बाद सीरियन आर्मी का अलेप्पो पर कंट्रोल, एक महीना चला जबर्दस्त संघर्ष, तीन लाख लोगों की गई जान
अलेप्पो: सीरिया के अलेप्पो शहर को सेना ने पूर्ण नियंत्रण में ले लिया है. साल 2011 से शुरू हुए गृह युद्ध को अब तक की सबसे बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. शहर को विद्रोहियों से पूरी तरह खाली कराए जाने के संबंध में सीरियाई सेना ने जानकारी दी. इसके साथ ही […]
अलेप्पो: सीरिया के अलेप्पो शहर को सेना ने पूर्ण नियंत्रण में ले लिया है. साल 2011 से शुरू हुए गृह युद्ध को अब तक की सबसे बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. शहर को विद्रोहियों से पूरी तरह खाली कराए जाने के संबंध में सीरियाई सेना ने जानकारी दी. इसके साथ ही पिछले एक महीने से पूर्वी अलेप्पो में चल रहे खूनी संघर्ष का खात्मा हो गया है.
इससे पहले रेड क्रॉस बाकी बचे चार हज़ार से ज्यादा विद्रोहियों को खदेड़ने की बात कह चुकी है. इस एक महीने में पूर्वी अलेप्पो को जो नुकसान की जानकारी है, वह सीरिया में विद्रोही आंदोलन के चलते बीते छह सालों की तबाही में सबसे भयानक माना जा रहा है. इस संघर्ष में तीन लाख दस हज़ार से ज़्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.
सेना की घोषणा के साथ ही सीरियाई सरकार का पांच प्रमुख शहरों, अलेप्पो, होम्स, हमा, दमिश्क और लताकिया पर नियंत्रण स्थापित हो गया है. राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनके सहयोगियों के लिए यह बड़ी जीत है, जबकि उनके विरोध का समर्थन करनेवाले सऊदी अरब, कतर और कुछ पश्चिमी देशों के लिए यह करारी हार से कम नहीं है.
इस खूनी संघर्ष को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तनाव का माहौल व्याप्त था. खासतौर पर रूस और अमेरिका के बीच इस संघर्ष के कारण रिश्ते तल्ख थे. राष्ट्रपति असद के हवाले से स्टेट न्यूज़ एजेन्सी सना ने कहा कि अलेप्पो की आज़ादी सीरिया की ही नहीं बल्कि उन सब लोगों की जीत है जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अपना योगदान दिया, विशेषकर रूस और ईरान.
असद ने कहा कि सीरियाई सेना और मित्र देशो की सेना को मैं धन्यवाद देता हूं कि उन्होने आंतकवादियो के चुंगल से अलेप्पो शहर को आज़ाद करवाया और वहां की जनता को नया जीवन प्रदान किया है.
बर्फबारी और ठंडे के मौसम के कारण शहर को खाली कराने में मुश्किलें पैदा हो रही है. खराब मौसम के कारण विस्थापितों को बसों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि शहर खाली कराने के अंतिम चरण के तहत बुधवार और गुरुवार की रात चार हजार से ज़्यादा लड़ाके निजी कारों, वैनों में पूर्वी अलेप्पो से खदेड़े गए. उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान करीब 34 हज़ार लोग अलेप्पो के हिंसा प्रभावित इलाकों से बाहर निकाले जा चुके हैं.
एक महीना चले जबर्दस्त संघर्ष के बाद साल 2012 से अलेप्पो पर कब्जा जमाए बैठी विद्रोही सेना आखिरकार हटने को मजबूर हो गई. इस लड़ाई में 90 प्रतिशत अलेप्पो उनके हाथ से चला गया है हालांकि अलेप्पो के विद्रोह प्रभावित क्षेत्र के खाली होने से बड़ा मानवीय व शरणार्थी संकट पैदा हो गया है.
युद्ध के समाप्त हो जाने से असद को बड़ा रणनीतिक लाभ मिला है. वहीं विद्रोहियों के मैदान छोड़ देने से लड़ाई खत्म करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को बल मिला है.