अगर आपकी उम्र 60 से ज्यादा है और आप बिल्कुल अकेले हैं, तो आपको सलाह है कि खुद को अवसाद से बचाइए. एक ताजातरीन शोध में पता चला है कि अधिक उम्र में बेहद अकेलेपन का अनुभव करना मौत को आमंत्रण देना है. अकेले रहने से इस बात की संभावना 14 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. हालांकि अध्ययन के मुताबिक, कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो अकेले खुश रहते हैं, पर ज्यादातर लोग सामाजिक परिस्थितयों में रहकर आगे बढ़ते हैं, जहां वे आपसी सहयोग के माध्यम से आस-पास के लोगों के साथ मजबूत रिश्ता कायम कर लेते हैं.
कैकियोपो ने कहा, वृद्ध लोग जो अकेले रहते हैं, यदि लोगों संग घुल-मिल कर रहें तो अकेलेपन से काफी हद तक बच सकते हैं. उम्र बढ़ने के साथ नजर का कमजोर होना, कम सुनाई पड़ना जैसी चीजें सामने आती हैं, और ऐसे लोगों का अकेला होना उनके लिए ज्यादा जोखिमवाला होता है.
बढ़ती है असमय मौत की आशंका
इलिनोइस में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के मनोविज्ञान के प्रोफेसर जॉन कैकियोपो बताते हैं, समय से पहले मौत के मामले में अकेलापन उतना ही प्रभावी होता है, जितना किसी व्यक्ति का सामाजिक-आर्थिक स्तर. इससे असमय मौत की आशंका 19} तक बढ़ जाती है. यह सिर्फ अकेलेपन या शारीरिक अलगाव से जुड़ा मसला नहीं है, बल्कि अध्ययन के अनुसार, अलगाव की सापेक्ष भावना बेहद विघटनकारी होती है.