‘स्वंयसेवक’ बना आलोचक
भंवर बताते हैं कि संघ के कुछ नेता उनके गांव में आए. भंवर ने उन्हें अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित किया. वे बताते हैं, "संघ के नेता घर तो आए, लेकिन खाना खाने से इनकार करते रहे, इसलिए उन्हें खाना पैक करके दे दिया गया, बाद में खाने का वो पैकेट गाँव के […]
भंवर बताते हैं कि संघ के कुछ नेता उनके गांव में आए. भंवर ने उन्हें अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित किया.
वे बताते हैं, "संघ के नेता घर तो आए, लेकिन खाना खाने से इनकार करते रहे, इसलिए उन्हें खाना पैक करके दे दिया गया, बाद में खाने का वो पैकेट गाँव के बाहर कूड़े की तरह फेंका हुआ मिला."
हालांकि आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा भंवर के इस दावे को चुनौती देते हैं. सिन्हा का कहना है कि आरएसएस में कोई साधारण से साधारण कार्यकर्ता जातिवादी व्यवहार नहीं करता है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा कहता है तो उसका निजी स्वार्थ होगा या फिर झूठ बोल रहा है.