रूस नहीं निकालेगा अमेरिकी राजनयिकों को : पुतिन

मास्को : राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने आज कहा कि रूस किसी अमेरिकी राजनयिक को नहीं निष्कासित करेगा. अमेरिकी चुनाव में कथित दखल के आरोप में अमेरिका के रूसी राजनयिकों को निकाले जाने के बाद रूस का यह आश्चर्यजनक फैसला है. क्रेमलिन से जारी एक बयान में पुतिन ने कहा, ‘‘हम अमेरिकी राजनयिकों के लिए मुश्किलें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2016 11:14 AM

मास्को : राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने आज कहा कि रूस किसी अमेरिकी राजनयिक को नहीं निष्कासित करेगा. अमेरिकी चुनाव में कथित दखल के आरोप में अमेरिका के रूसी राजनयिकों को निकाले जाने के बाद रूस का यह आश्चर्यजनक फैसला है. क्रेमलिन से जारी एक बयान में पुतिन ने कहा, ‘‘हम अमेरिकी राजनयिकों के लिए मुश्किलें नहीं खड़ी करेंगे. हम किसी को निष्कासित नहीं करेंगे.’ इस बयान मेें अमेरिकी राजनयिकों के बच्चों को क्रेमलिन में छुट्टी की पार्टी मनाने के लिए न्यौता भी दिया गया है.

इस बात का संकेत देते हुए कि अब गेंद अगले अमेरिकी प्रशासन के पाले में है, पुतिन ने कहा कि 35 राजनयिकों को निष्कासित करने के अमेरिका के निर्णय के बाद रूस बदला लेने का अधिकार सुरक्षित रखता है. निष्कासित 35 रूसी राजनयिकों के पास अमेरिका छोड़ने के लिए 72 घंटे का वक्त है.

पुतिन ने घोषणा की, ‘‘अंतरराष्ट्रीय परिपाटी के अनुसार रूस के पास समान कार्रवाई के लिए पूरा आधार है.’ इससे पहले विदेश मंत्री सर्गेई ने जैसे को तैसा करने का सुझाव दिया था. पुतिन ने कहा, ‘‘बदले के कदम का अधिकार सुरक्षित रखते हुए हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा अपनायी जाने वाली नीतियों के आधार पर अमेरिका-रूस संबंधों की बहाली में अगले कदमों की योजना बनायेंगे. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘स्वदेश लौट रहे रूसी राजनयिक घर में दोस्तों एवं परिवार के साथ छुट्टियां मनायेंगे.’ उन्होंने अमेरिकी राजनयिकों के बच्चों को क्रेमलिन में नये साल और क्रिसमस की पार्टी में आने का न्यौता दिया.

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूस की ओर से की गयी कथित हैकिंग के जवाब में रूस पर प्रतिबंध लगातेहुए 35 रूसी अधिकारियों को निष्कासित कर दिया तथा अमेरिका के अंदर रूसी स्वामित्व वाले दो परिसरों को बंद कर दिया. वहीं, चुनावों में दखलअंदाजी के आरोपों को खारिज करने वाले रूस ने ‘‘पर्याप्त जवाबी कार्रवाई’ का संकल्प लिया है.

रूस के विदेश मंत्रालय ने हैकिंग के आरोप में अमेरिका के कदम पर ‘जैसे को तैसा’ कार्रवाई के तहत 35 अमेरिकी राजनयिकों को देश से निकालने का फैसला लिया है. रूस ने मास्को में अमेरिकी दूतावास के 31 और सैंट पीटर्सबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के चार राजनयिकों को अवांछित घोषित करने को मंजूरी प्रदान कर दी.’ रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि न्यूयार्क और मैरीलैंड में दो रूसी भवनों का इस्तेमाल बच्चों की छुट्टियां मनाने के लिए किया जाता है तथा उन्होंने इस धारणा का मजाक उड़ाया कि वे जासूसों के ठिकाने हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वाकई हम ऐसे तमाशों को अनुतरित नहीं जाने दे सकते. कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के हिसाब से बदला चुकाना कानून है.’

उधर, रूस द्वारा अमेरिकी चुनाव को निशाना बनाते हुए अमेरिकी अधिकारियों को कथित तौर पर प्रताड़ित करने और साइबर गतिविधियों को अंजाम दिये जाने के जवाब में ओबामा ने प्रतिक्रियात्मक कदमों के आदेश दिये. इसके बाद उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘सभी अमेरिकियों को रूस के कदमों से चौकस हो जाना चाहिये.’

उन्होंने कल कहा, ये कदम हमारी ओर से रूसी सरकार को बार-बार जारी की गयी निजी और सार्वजनिक चेतावनियों के बाद उठाए गये हैं. ये व्यवहार के स्थापित अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन में अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए कियेगये प्रयासों के जवाब में जरूरी और उचित प्रतिक्रिया है. ओबामा की ओर से जारी विधायी आदेश अमेरिकी चुनावी प्रक्रियाओं और संस्थानों और उसके सहयोगियों या साझेदारों को कमजोर करने या उनमें हस्तक्षेप करने वाली साइबर गतिविधि पर जवाबी कार्रवाई का अतिरिक्त अधिकार देता है.

ओबामा ने कहा, ‘‘इस नये अधिकार का इस्तेमाल करते हुए मैंने नौ इकाइयाें और लोगों पर प्रतिबंध लगाये हैं. जिनपर प्रतिबंध लगाया गया है, वे इस प्रकार हैं- जीआरयू और एफएसबी, दो रूसी खुफिया सेवाएं, जीआरयू के चार अधिकारी, जीआरयू की साइबर गतिविधियों को सहयोग उपलब्ध कराने वाली तीन कंपनियां.’

बराक ओबामा ने कहा, ‘‘इसके अलावा, वित्तमंत्री साइबर माध्यमों से वित्त में और लोगों की पहचान से जुड़ी जानकारी में हेरफेर करने वाले दो रूसी लोगों को सूचीबद्ध कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय मेरीलैंड और न्यूयार्क में दो रूसी परिसरों को बंद भी कर रहा है. इनका इस्तेमाल रूसी कर्मियों द्वारा खुफिया जानकारी से जुड़े उद्देश्यों के लिए किया जाता था. वह 35 रूसी खुफिया अधिकारियों को ‘अवांछित व्यक्ति’ करार दे रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘‘अंतत: गृह सुरक्षा मंत्रालय और एफबीआइ रूसी असैन्य एवं सैन्य खुफिया सेवा की साइबर गतिविधियों से जुड़ी उस तकनीकी जानकारी को जारी कर रहे हैं, जो गोपनीयता की श्रेणी से बाहर है. इसका उद्देश्य अमेरिका और विदेशों में नेटवर्क के रक्षकों को रूस की दुर्भावनापूर्ण वैश्विक साइबर गतिविधियों की पहचान करने और उसे बाधित करने में मदद करना है.’

ओबामा ने कहा कि ये कदम रूस की आक्रामक गतिविधियों पर अमेरिका की कुल प्रतिक्रिया नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी पसंद के स्थान और समय पर विभिन्न कदम उठाना जारी रखेंगे. इनमें से कुछ कदमों का प्रचार नहीं किया जायेगा.’ ओबामा ने कहा, ‘‘रूस को उसके इस कृत्य के लिए जिम्मेदार ठहराने के अलावा अमेरिका और उसके वैश्विक सहयोगियों को एकसाथ मिलकर रूस के उन प्रयासों का विरोध करना चाहिये, जिसके तहत उसने व्यवहार के स्थापित अंतरराष्ट्रीय नियमों को कमजोर करने और लोकतांत्रिक शासन में दखलअंदाजी की कोशिश की.’

अमेरिकी प्रतिबंधों पर टिप्पणी करते हुए रूसी प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने वाशिंगटन पर आरोप लगातेहुए कहा था कि वह अमेरिकी चुनाव में दखलअंदाजी के ‘‘बेबुनियाद’ आरोप लगाकर संबंध बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है. रिया-नोवोस्ती समाचार एजेंसी ने पेस्कोव के हवाले से कहा, ‘‘हम रूस के बारे में लगायेगये बेबुनियाद आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं.’ उन्होंने कहा, अमेरिका ‘‘पहले ही निम्न स्तर पर पहुंच चुके अमेरिकी-रूसी संबंधों को पूरी तरह तबाह कर देना चाहता है.’ उन्होंने कहा कि रूस ‘‘प्रतिक्रिया के सिद्धांतों के आधार पर पर्याप्त प्रतिक्रिया देगा.’

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