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हैकिंग मामला: अमेरिका ने 35 रूसी अधिकारियों को किया निष्कासित, लगाये कड़े प्रतिबंध

वाशिंगटन/मास्को : राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूस की ओर से की गयी कथित हैकिंग के जवाब में रूस पर प्रतिबंध लगा दिये हैं, 35 रूसी अधिकारियों को निष्कासित कर दिया है और अमेरिका के अंदर रूसी स्वामित्व वाले दो परिसरों को बंद कर दिया है. चुनावों में दखलअंदाजी के आरोपों को […]

वाशिंगटन/मास्को : राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूस की ओर से की गयी कथित हैकिंग के जवाब में रूस पर प्रतिबंध लगा दिये हैं, 35 रूसी अधिकारियों को निष्कासित कर दिया है और अमेरिका के अंदर रूसी स्वामित्व वाले दो परिसरों को बंद कर दिया है. चुनावों में दखलअंदाजी के आरोपों को खारिज करने वाले रूस ने ‘पर्याप्त जवाबी कार्रवाई’ का संकल्प लिया है.रूस द्वारा अमेरिकी चुनाव को निशाना बनाते हुए अमेरिकी अधिकारियों को कथित तौर पर प्रताडि़त करने और साइबर गतिविधियों को अंजाम दिये जाने के जवाब में ओबामा ने प्रतिक्रियात्मक कदमों के आदेश दिये.

इसके बाद उन्होंने एक बयान में कहा, ‘सभी अमेरिकियों को रूस के कदमों से चौकस हो जाना चाहिए.’ उन्होंने कल कहा, ये कदम हमारी ओर से रूसी सरकार को बार-बार जारी की गयी निजी और सार्वजनिक चेतावनियों के बाद उठाये गये हैं. ये व्यवहार के स्थापित अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन में अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए किये गये प्रयासों के जवाब में जरुरी और उचित प्रतिक्रिया है. ओबामा की ओर से जारी विधायी आदेश अमेरिकी चुनावी प्रक्रियाओं और संस्थानों और उसके सहयोगियों या साझेदारों को कमजोर करने या उनमें हस्तक्षेप करने वाली साइबर गतिविधि पर जवाबी कार्रवाई का अतिरिक्त अधिकार देता है.

इनपर लगा है प्रतिबंध

ओबामा ने कहा, ‘इस नये अधिकार का इस्तेमाल करते हुए मैंने नौ इकाइयों और लोगों पर प्रतिबंध लगाये हैं. जिनपर प्रतिबंध लगाया गया है, वे इस प्रकार हैं- जीआरयू और एफएसबी, दो रुसी खुफिया सेवाएं, जीआरयू के चार अधिकारी, जीआरयू की साइबर गतिविधियों को सहयोग उपलब्ध कराने वाली तीन कंपनियां.’ओबामा ने कहा, ‘इसके अलावा, वित्तमंत्री साइबर माध्यमों से वित्त में और लोगों की पहचान से जुड़ी जानकारी में हेरफेर करने वाले दो रूसी लोगों को सूचीबद्ध कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय मेरीलैंड और न्यूयार्क में दो रूसी परिसरों को बंद भी कर रहा है. इनका इस्तेमाल रूसी कर्मियों द्वारा खुफिया जानकारी से जुड़े उद्देश्यों के लिए किया जाता था. वह 35 रूसी खुफिया अधिकारियों को ‘अवांछित व्यक्ति’ करार दे रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘अंतत: गृह सुरक्षा मंत्रालय और एफबीआई रूसी असैन्य एवं सैन्य खुफिया सेवा की साइबर गतिविधियों से जुड़ी उस तकनीकी जानकारी को जारी कर रहे हैं, जो गोपनीयता की श्रेणी से बाहर है. इसका उद्देश्य अमेरिका और विदेशों में नेटवर्क के रक्षकों को रूस की दुर्भावनापूर्ण वैश्विक साइबर गतिविधियों की पहचान करने और उसे बाधित करने में मदद करना है.’

ओबामा ने कहा कि ये कदम रूस की आक्रामक गतिविधियों पर अमेरिका की कुल प्रतिक्रिया नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम अपनी पसंद के स्थान और समय पर विभिन्न कदम उठाना जारी रखेंगे. इनमें से कुछ कदमों का प्रचार नहीं किया जाएगा.’ ओबामा ने कहा, ‘रूस को उसके इस कृत्य के लिए जिम्मेदार ठहराने के अलावा अमेरिका और उसके वैश्विक सहयोगियों को एकसाथ मिलकर रूस के उन प्रयासों का विरोध करना चाहिए, जिसके तहत उसने व्यवहार के स्थापित अंतरराष्ट्रीय नियमों को कमजोर करने और लोकतांत्रिक शासन में दखलअंदाजी की कोशिश की.’

अमेरिकी प्रतिबंधों पर टिप्पणी करते हुए रूसी प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने वाशिंगटन पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी चुनाव में दखलअंदाजी के ‘बेबुनियाद’ आरोप लगाकर संबंध बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है. रिया-नोवोस्ती समाचार एजेंसी ने पेस्कोव के हवाले से कहा, ‘हम रूस के बारे में लगाये गये बेबुनियाद आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं.’ उन्होंने कहा, अमेरिका ‘पहले ही निम्न स्तर पर पहुंच चुके अमेरिकी-रूसी संबंधों को पूरी तरह तबाह कर देना चाहता है.’ उन्होंने कहा कि रूस ‘प्रतिक्रिया के सिद्धांतों के आधार पर पर्याप्त प्रतिक्रिया देगा.’

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