आतंकी मसूद के समर्थन में फिर आया चीन, कहा- भारत करें UN के प्रस्तावों का पालन
बीजिंग : चीन ने आज कहा कि भारत को जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कराने के विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करना चाहिए. अातंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने की भारत की अर्जी पर चीन का तकनीकी स्थगन कल समाप्त […]
बीजिंग : चीन ने आज कहा कि भारत को जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कराने के विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करना चाहिए. अातंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने की भारत की अर्जी पर चीन का तकनीकी स्थगन कल समाप्त हो रहा है.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि जब भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 समिति का सूचीबद्ध मामला आया है, मैंने बार बार कहा है कि हमारा मानना है कि उसे प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्रस्तावों एवं समिति की प्रक्रिया-नियमावली का पालन करना चाहिये.” हालांकि हुआ ने कहा कि चीन अपने दूसरे तकनीकी स्थगन के समापन के बाद क्या करेगा, इस बारे में उन्हें चीजों की पुष्टि करनी होगी.
हुआ चुनयिंग ने पठानकोट आतंकवादी हमला मामले में अजहर के खिलाफ भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आरोपपत्र दायर करने पर अपनी प्रतिक्रिया में दो दिसंबर को भी यही जवाब दिया था.उन्होंने कहा था, ‘‘1267 समिति में सूचीबद्धता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों एवं समिति की प्रक्रिया-नियमावली के अनुरुप हो.” सुरक्षा परिषद में वीटो की ताकत रखने वाले चीन ने छह माह के स्थगन के साथ भारत के कदम में अडंगा लगा दिया था. इस स्थगन को तीन महीने के लिए बढा दिया गया था.
यहां अधिकारियों का कहना है कि भारत को अपने विषय पर दबाव बनाने के लिए आरोपपत्र के ब्योरे के साथ 1267 समिति में फिर आवेदन देना पड़ सकता है क्योंकि उसके वर्तमान आवेदन की अवधि चीन के तकनीकी स्थगनों के कारण समाप्त हो जाएगी. दोनों ही देश इस मुद्दे पर तथा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह से जुड़ने के भारत के आवेदन पर बातचीत कर रहे हैं. इस वार्ता में अबतक कोई बात नहीं बनी है क्योंकि चीन ने 12 दिसंबर को कहा था कि इन दोनों मसलों पर उसका रुख नहीं बदला है.
संयुक्त राष्ट्र ने 2001 में जैश-ए-मोहम्मद पर रोक लगा दी थी लेकिन 2008 के मुंबई हमले के बाद अजहर पर पाबंदी की भारत की कोशिश सफल नहीं हुई क्योंकि चीन ने संभवत: पाकिस्तान के इशारे पर पाबंदी लगने नहीं दी. पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में चीन 1267 पाबंदी सूची में अजहर को डालने के भारत के आवेदन पर स्थगन लगाने वाला एकमात्र सदस्य देश है जबकि अन्य 14 सदस्य भारत के पक्ष में है. इस सूची में अजहर के आ जाने से उसे संपत्ति पर रोक और यात्रा पर रोक से गुजरना पड़ेगा.