नयी दिल्ली/बीजिंग : चीन ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख एवं पठानकोट हमले के षड्यंत्रकर्ता मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी के तौर पर सूचीबद्ध कराने के भारत के प्रस्ताव को मुद्दे पर ‘आमसहमति’ की कमी का हवाला देते हुए अंतत: आज अवरुद्ध कर दिया. वहीं भारत ने उस पर आतंकवाद से निपटने में ‘दोहरे मापदंड’ अपनाने का आरोप लगाया.
विदेश मंत्रालय ने इस कदम पर ‘आश्चर्य’ व्यक्त करते हुए कहा कि उसे उम्मीद थी कि चीन आतंकवाद के माध्यम से हम सभी के समक्ष उत्पन्न खतरों को ठीक से समझेगा और आतंकवाद की साझा चुनौती से निबटने में भारत के साथ होगा. विदेश मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति की 15 सदस्यीय प्रतिबंध समिति के अन्य सभी सदस्यों का पुरजोर समर्थन मिलने की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि हम मसूद अजहर को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को अवरुद्ध करने के चीन के निर्णय पर चिंता के साथ गौर करते हैं.
हालांकि, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई ‘सभी उपलब्ध विकल्पों’ के जरिये जारी रखने की प्रतिबद्धता जतायी. अधिकारियों ने कहा कि तकनीकी रोक की मियाद खत्म होने से एक दिन पहले चीन द्वारा इस बारे में भारत के प्रस्ताव को अवरुद्ध करने के बाद भारत या किसी भी अन्य देश को मसूद को प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के संबंध में नये सिरे से आग्रह करना होगा अन्यथा यह रोक स्थायी हो जायेगी.
वहीं चीन ने अपने कदम को यह कहते हुए जायज ठहराया कि संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक समिति में इस मुद्दे पर कोई आम सहमति नहीं थी.
जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी के तौर पर सूचीबद्ध करने के भारत के प्रस्ताव को चीन द्वारा अवरुद्ध करने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि (आतंकवादी संगठनों और उनके नेतृत्वकर्ताओं को सूचीबद्ध करने पर) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 समिति संयुक्त राष्ट्र के ढांचे में एक महत्वपूर्ण आतंकवाद निरोधक संगठन है.
उन्होंने चीन द्वारा लगायी गयी दो रोक का उल्लेख करते हुए एक लिखित संवाद में कहा, ‘1267 समिति के सदस्यों के अलग-अलग विचार हैं. चीन ने तकनीकी रोक प्रस्तावित करने का इस्तेमाल इसलिए किया ताकि समिति को चर्चा करने और संबंधित पक्षों को और बातचीत का समय मिल सके.’ गत नौ महीने के दौरान चीन ने अजहर को एक आतंकवादी के तौर पर सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर दो बार तकनीकी रोक लगायी है. अजहर के आतंकवादी के तौर पर सूचीबद्ध होने से उसकी परिसम्पत्तियों पर रोक लग जाती और उसकी विदेश यात्राओं पर पाकिस्तान सहित अन्य देशों द्वारा प्रतिबंध लग जाता.