कश्मीर पाक का ‘‘अभिन्न हिस्सा””: नवाज शरीफ
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर को देश का ‘‘अभिन्न हिस्सा” बताया और बार फिर भारत को भड़काने का प्रयास करते हुए हिज्बुल मुजाहिदीन के मृत आतंकवादी बुरहान वानी को ‘‘ऊर्जावान एवं करिश्माई नेता” बताया. उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संसदीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते […]
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर को देश का ‘‘अभिन्न हिस्सा” बताया और बार फिर भारत को भड़काने का प्रयास करते हुए हिज्बुल मुजाहिदीन के मृत आतंकवादी बुरहान वानी को ‘‘ऊर्जावान एवं करिश्माई नेता” बताया. उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संसदीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए कश्मीरी लोगों के संघर्ष को लेकर उनकी भावना एवं संकल्प की सराहना की.
रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार शरीफ ने कहा, ‘‘हमारा दिल हमारे कश्मीरी भाइयों के साथ धड़कता एवं दुखी होता है.” उन्होंने कश्मीर के पाकिस्तान का ‘‘अभिन्न हिस्सा” होने की बात पर जोर देते हुए कहा कि दुनिया को कश्मीर की नीति को लेकर भारत से कहना चाहिये कि ‘‘बहुत हो चुका”.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ‘‘ऊर्जावान एवं करिश्माई कश्मीरी नेता बुरहान वानी ने कश्मीर के आंदोलन को एक नया मोड़ दिया.” उन्होंने आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के हाथों वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए वहां के लोगाें पर भारत की कथित ‘‘आक्रामकता” को लेकर अफसोस जताया.
शरीफ ने कहा कि हर पाकिस्तानी कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए संघर्ष का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को उनके संघर्ष में नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन देता रहेगा और उनके अधिकारों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आत्मा को झकझोरता रहेगा.
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर की स्थिति से वाकिफ कराने के लिए महत्वपूर्ण देशों में अपने विशेष दूत भेजे. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रुप से संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में अपने संबोधन में यह मुद्दा उठाया था. शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में पेश कियेगये चार बिंदुओं की तरफ संकेत करते हुए एक बार फिर विश्व समुदाय से उस वादे को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करने की अपील की जो उसने 70 साल पहले कश्मीरी लोगों से किया था.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का कार्यान्वयन होना चाहिये और कश्मीरी लोगों के संघर्षों का अंत होना चाहिये. इससे पहले शरीफ ने पिछले साल अक्तूबर में संसद के संयुक्त सत्र में अपने संबोधन के दौरान वानी की तारीफ की थी. जिसे लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इससे पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़ाव का पता चलता है.
उन्होंने पिछले साल 21 सिंतबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान भी आतंकवादी की तारीफ करते हुए उसे एक ‘‘युवा नेता” बताया था. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में शरीफ के संबोधन की कड़ी निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान द्वारा ‘‘स्वदोषारोपण” की कार्रवाई बताया था.
शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने आज की संगोष्ठी में कहा कि कश्मीर का मुद्दा ‘‘अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया पर एक धब्बा है.” उन्होंने कहा कि कश्मीर और फलस्तीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडा में शामिल दो सबसे पुरानेे अनसुलझे मुद्दे हैं.
अजीज ने कहा, ‘‘घाटी में भारतीय सैनिकों की भारी तादाद में मौजदूगी कश्मीरी लोगों के संघर्र्ष को दबाने के लिए सरकारी आतंकवाद के इस्तेमाल की भारतीय नीति का साफ परिचायक है.” उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर की समस्या का एकमात्र हल संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में एक निष्पक्ष एवं पारदर्शी जनमत संग्रह है.”