संयुक्त राष्ट्र : आतंकी समूहों को शरणस्थली उपलब्ध करवाने को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से अफगानिस्तान ने हमला किया है. अफगानिस्तान ने सुरक्षा परिषद से कहा है कि वह उन ‘सरकारी प्रतिष्ठानों’ के खिलाफ कदम उठाए जो विदेश नीति के अपने एजेंडे को आगे बढाने के लिए चरमपंथ को बढावा देने का काम कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि महमूद सैकल ने कहा कि अफगानिस्तान और विश्व में हमारे वाले हिस्से में हिंसा और असुरक्षा का चक्र क्षेत्र में (आतंकी) शरणस्थलियों की मौजूदगी से बेहद पेचीदगी के साथ जुडा है. इससे आतंकी समूहों का संचालन होता है और उन्हें अपनी द्वेषपूर्ण गतिविधियों के संचालन के लिए सतत राजनीतिक, वित्तीय और साजो सामान संबंधी आपूर्ति मिलती है.
मंगलवार को ‘‘संघर्ष रोकथाम एवं सतत शांति” के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद में हो रही बहस को संबोधित करते हुए सैकल ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि ‘‘कुछ सरकारी प्रतिष्ठानों” के तत्व अपनी विदेश नीति के एजेंडे को आगे बढाने के लिए हिंसा को बढावा देते हैं. सैकल ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र को इन सिद्धांतों के बाह्य चालकों के प्रति भी अधिक ध्यान देना चाहिए। इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र, खासकर यह परिषद उन स्थितियों का पता लगाने के लिए एक व्यवहारिक रुख अपना सकती है, जिनमें कुछ ‘सरकारी प्रतिष्ठान’ अपनी विदेश नीति के एजेंडे को आगे बढाने के लिए हिंसा और चरमपंथी गतिविधियों को बढावा देते हैं.”
अफगान राजदूत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र विभिन्न देशों के बीच की शत्रुता से जुडी विश्वास की कमी से निपटने के लिए ‘अच्छी स्थिति’ में हैं. इस शत्रुता के कारण अकसर संघर्ष की स्थिति आ जाती है और कुछ लोग राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं. सैकल ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान ने हमारे क्षेत्र के कुछ देशों द्वारा अफगानिस्तान में सक्रिय सशस्त्र विद्रोही समूहों के साथ संबंध होने की घोषणा किए जाने पर कडी आपत्ति जताई है. ये समूह अफगान सरकार की अनुमति के बिना चल रहे हैं.