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ब्रिटिश संसद में कश्मीर पर चर्चा, हिंसा में ‘‘इजाफा”” का जताया अंदेशा

लंदन : ब्रिटिश सांसदों ने आज ब्रिटिश संसद में कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की और अंदेशा जताया कि क्षेत्र में हिंसा में ‘‘इजाफा” हो सकता है. हाउस ऑफ कामन्स में पेश एक प्रस्ताव में ब्रिटिश सरकार से आग्रह किया गया कि वह विवाद के दीर्घकालीन हल स्थापित करने के मकसद से भारत और पाकिस्तान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2017 9:43 PM

लंदन : ब्रिटिश सांसदों ने आज ब्रिटिश संसद में कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की और अंदेशा जताया कि क्षेत्र में हिंसा में ‘‘इजाफा” हो सकता है. हाउस ऑफ कामन्स में पेश एक प्रस्ताव में ब्रिटिश सरकार से आग्रह किया गया कि वह विवाद के दीर्घकालीन हल स्थापित करने के मकसद से भारत और पाकिस्तान को शांति वार्ता शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करे.

कश्मीर से पलायन किए कश्मीरी पंडितों के अधिकार के लिए लंबे अर्से से अभियान चला रहे कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा, ‘‘किसी संप्रभू देश की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करना ब्रिटेन की भूमिका नहीं है. लेकिन हम मददगार बनने और लद्दाख, जम्मू और कश्मीर के निर्दोष लोगों की तकलीफों को दूर करने में मदद करने के लिए तैयार रहते हैं.”

ब्लैकमैंन ने कहा, ‘‘आज 1990 का वह भयावह दिन रेखांकित करता है जब कश्मीरी हिंदू अपने घर से पलायन करने के लिए मजबूर कियेगये. मैं इस मुद्दे पर 27 साल से कह रहा हूं. समूचा लद्दाख, जम्मू और कश्मीर भारत का अनन्य हिस्सा है और भारत और पाकिस्तान दोनों संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का पालन करें.”

चर्चा का आयोजन ‘ऑल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप ऑन कश्मीर’ (एपीपीजी) ने किया और इसका संचालन हाउस ऑफ कामन्स की बैकबेंच बिजनेस कमिटी ने कंजर्वेटिव पार्टी सांसद डेविड नुटटाल के दरख्वास्त पर किया. बैकबेंच बिजनेस कमिटी की बैठक हर हफ्ते मंगलवार को होती है. जिसमें किसी विषय पर चर्चा के किसी बैकबेंच सांसद के आग्रह पर विचार किया जाता है.

आज की चर्चा का नेतृत्व नुटटाल ने नुसरत गनी, राबर्ट फ्लेलो और फायोना मैकटैगार्ट के साथ मिल कर किया. चर्चा के लिए प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘यह सदन कश्मीर में नियंत्रण रेखा के भारतीय तरफ हिंसा में इजाफा और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के उल्लंघन को रेखांकित करता है, सरकार से मामले को संयुक्त राष्ट्र में बुलंद करने का आह्वान करता है.” कल ही हाउस ऑफ कामन्स के कमेटी रुम में कश्मीरी पंडित्स कल्चरल सोसाइटी यूके ने एक दिन के शोक का आयोजन किया था.

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