‘अफगानिस्तान में 2016 पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक साल रहा”

काबुल : अफगानिस्तान में 2016 पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक साल रहा और सीरिया के बाद सबसे ज्यादा पत्रकारों की जान इसी देश में गयी. ‘अफगान जर्नलिस्ट्स सेफ्टी कमिटी’ (एजेएससी) ने कहा कि पिछले साल अफगानिस्तान में कम से कम 13 पत्रकार मारे गये. इनमें से 10 पत्रकारों की मौत के लिए तालिबान जिम्मेदार रहा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2017 10:23 PM

काबुल : अफगानिस्तान में 2016 पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक साल रहा और सीरिया के बाद सबसे ज्यादा पत्रकारों की जान इसी देश में गयी. ‘अफगान जर्नलिस्ट्स सेफ्टी कमिटी’ (एजेएससी) ने कहा कि पिछले साल अफगानिस्तान में कम से कम 13 पत्रकार मारे गये. इनमें से 10 पत्रकारों की मौत के लिए तालिबान जिम्मेदार रहा. इस समूह के अनुसार साल 2016 में अफगानिस्तान के भीतर मीडिया के खिलाफ हिंसा की 101 घटनाएं हुईं जो 2015 के मुकाबले 38 फीसदी अधिक थीं.

एजेएससी के प्रमुख नजीब शरीफी ने बताया, ‘‘पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के मामलों में बढोतरी ने अफगानिस्तान को पत्रकारों के लिए सीरिया के बाद दूसरा सबसे खतरनाक स्थान बना दिया.” समूह की रिपोर्ट में कहा गया है कि मीडिया को लेकर तालिबान की नीति में आए बदलाव की वजह से हिंसा के इन मामलों में बढोतरी हुई है. पिछले साल जनवरी में काबुल में तालिबान के आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट किया था जिसमें तुलू टीवी के सात कर्मचारी मारे गये थे.

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