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बॉलिंग देखना आसान है, करना मुश्किल

तेज़ गेंदबाज़ को स्विंग करने की सलाह दी जाती है, जबकि फिरकी गेंदबाज़ को गुगली डालने की हिदायत. बस विकेट चाहिए, किसी भी क़ीमत पर. लेकिन 22 गज की पट्टी पर बल्लेबाज़ को छकाने वाली गेंद डालना बच्चों का खेल नहीं है. बीबीसी संवाददाता सुशांत मोहन ने ज़हीर ख़ान जैसे दिग्गज गेंदबाज़ तैयार करने वाले […]

तेज़ गेंदबाज़ को स्विंग करने की सलाह दी जाती है, जबकि फिरकी गेंदबाज़ को गुगली डालने की हिदायत. बस विकेट चाहिए, किसी भी क़ीमत पर.

लेकिन 22 गज की पट्टी पर बल्लेबाज़ को छकाने वाली गेंद डालना बच्चों का खेल नहीं है. बीबीसी संवाददाता सुशांत मोहन ने ज़हीर ख़ान जैसे दिग्गज गेंदबाज़ तैयार करने वाले कोच विद्याधर परादकर से जाना कि इनस्विंग, आउटस्विंग, ऑफ़स्पिन और टर्न जैसे शब्द जो हम आए दिन सुनते हैं, उन्हें हक़ीक़त में जानना कितना मुश्किल है.

मुंबई के क्रॉस मैदान में शुरू हुई कोचिंग क्लास, जिसमें कोच ने सीम पोज़िशन और कलाई को लॉक करने की कला से लेकर फिरकी डालने की करामात से अवगत कराया.

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