क्या अपनी कंपनी की तरह अमेरिका को चलाना चाहते हैं ट्रंप?
तमाम अटकलों और कयासों के बीच आखिरकार डोनॉल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने में कामयाब रहे. आज ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह है. दुनियाभर की नजरें उनपर टिकी हुई है. सबसे ताकतवर देश के राष्ट्राध्यक्ष ने अभी तक अपनी नीतियों पर से रहस्य के पर्दे नहीं खोले है. ट्रंप के व्यक्तित्व पर बारीक निगाह […]
तमाम अटकलों और कयासों के बीच आखिरकार डोनॉल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने में कामयाब रहे. आज ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह है. दुनियाभर की नजरें उनपर टिकी हुई है. सबसे ताकतवर देश के राष्ट्राध्यक्ष ने अभी तक अपनी नीतियों पर से रहस्य के पर्दे नहीं खोले है. ट्रंप के व्यक्तित्व पर बारीक निगाह डाली जाये तो वह अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति बराक ओबामा से बिलकुल अलग हैं. बराक ओबामा सौम्य छवि के मालिक माने जाते थे, इसके उलट ट्रंप तीखे टिप्पणीकार, तुनकमिजाज और अड़ियल व्यक्तित्व के माने जाते हैं. बेशक वे कामयाब व्यवसायी हैं लेकिन राजकाज चलाने में उनका अनुभव शून्य रहा है. विश्लेषकों की मानें तो अमेरिका को इस बात का फायदा या नुकसान दोनों ही हो सकता है.
अभी तक उनके द्वारा चयनित टीम के सदस्यों का रिकार्ड देखे तो ज्यादातर लोग कारोबारी समुदाय से हैं. लिहाजा जानकारों की माने तो ट्रंप अमेरिका को अपनी रियल इस्टेट कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं. अमेरिका के अंदर और बाहर की चुनौतियां से वे किस तरह निपटेंगे यह आनेवाला वक्त ही बतायेगा. फिलहाल उनकी टीम के सदस्यों पर डालते हैं एक नजर:-
रेक्स टिलरसन : विदेश सचिव – डोनॉल्ड ट्रंप ने अपने विदेश मंत्री के रूप में टिलरसन को अगला विदेश मंत्री बनाने की घोषणा की है. टिलरसन एक ऑयल कंपनी के सीइओ रह चुके हैं. लिहाजा उनका करियर राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहा है. टिलरसन रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बेहद करीबी माने जाते हैं. किसी जमाने में हेनरी किसिंगजर अमेरिका के विदेश मंत्री थे. हिनेरी किसिंगजर विदेश मंत्री के रूप में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में आमिट छाप छोड़ा.
माइक पेंस : वाइस प्रेसिडेंट – अमेरिका के उपराष्ट्रपति होंगे. इंडियाना के गवर्नर माइक पेंस की छवि रूढिवादी ईसाई नेता की है. हालांकि पेंस का राजनीति से लंबे दिनों से नाता रहा है लेकिन अनुभव के लिहाज से देखा जाये तो बतौर इंडियाना के गवर्नर के अलावा उन्होंने अपने करियर में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं संभाली है.
रेंस प्रीबस : चीफ ऑफ स्टॉफ – व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टॉफ के रूप में रेंस प्रीबस का चयन किया गया है. यह पद व्हाइट हाउस का सबसे बड़ा पद होता है. इस पद के रूप में चयनित शख्स को अमेरिका के राष्ट्रपति के निजी सचिव के रूप में काम करना होता है. पॉल रेयान , हाउस स्पीकर के साथ काम कर चुके हैं. इस पद के लिए सीनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ती है. ट्रंप के बेहद करीबी रेंस प्रीबस ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप के लिए बढ़-चढ़कर प्रचार में हिस्सा लिया था.
स्टीव बेनन : चीफ स्ट्रेटजिस्ट – अमेरिकी प्रशासन का यह बेहद महत्वपूर्ण पद है. स्टीव बेनन अमेरिकन नेवी के लिए सात सालों तक काम कर चुके है. ट्रंप की तरह ही नस्लभेदी टिप्पणी के लिए सुर्खियों में रहने वाले स्टीव बेनन कई सालों तक एक दक्षिणापंथी न्यूज वेबसाइट से जुड़ कर काम किये हैं.
विलबर रॉस : कॉमर्स सेक्रेटरी – विलबर रॉस अमेरिका के जॉब मार्केट में नये अवसरों को पैदा करनेवालों में शुमार हैं. पिछले एक दशकों के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में इन्होंने एक लाख से ज्यादा रोजगार मुहैया कराया है. वैश्विक अर्थव्यवस्था के लड़खड़ाते दौर में ये अमेरिका को आगे ले जाने सक्षम हो सकते हैं. डोनॉल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के वक्त मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में नौकरियां बढ़ाने का वादा किया था. विलबर रॉस पेशे से निवेशक हैं. विलबर रॉस कई असफल कंपनियों में निवेश कर उन्हें जिंदा करने के लिए जाने जाते हैं. उनके पास टेक्सटाइल,स्टील, कोल ,टेलीकम्यूनिकेशन कंपनियों का अनुभव हैं.
जैरेड कुशनर : वरिष्ठ सलाहकार – अमरीका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप नए प्रशासन में अपने दामाद जैरेड कुशनर को व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नियुक्त करेंगे. 35 साल के कुशनर की शादी ट्रंप की बेटी इवांका से हुई है और उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव अभियान में ट्रंप के चंदा उठाने का काम किया. कुशनर डोनॉल्ड ट्रंप की तरह ही अरबपति है. 25 साल की उम्र में कुशनर ने 10 मिलियन डॉलर की कीमत पर एक अखबार न्यूयार्क ऑब्जर्वर को खरीदा.