ऑस्ट्रेलिया में ‘हिजाब” पहनी महिला को पहले कहा आतंकवादी, फिर कर दिया हमला
सिडनी : नस्ली नफरत और हिंसा की घटनाओं में इजाफा के बीच ऑस्ट्रेलिया के एक विश्वविद्यालय परिसर में ‘हिजाब’ पहनी हुई मुसलमान महिला पर कथित रूप से नस्ली और भेदभाव भरी टिप्पणियां की गयीं और उसे ‘आतंकवादी’ पुकारते हुए ‘हिजाब पहनने पर सवाल उठाया गया.’ ‘द संडे टेलीग्राफ’ की खबर के अनुसार, मैक्वायर विश्वविद्यालय में […]
सिडनी : नस्ली नफरत और हिंसा की घटनाओं में इजाफा के बीच ऑस्ट्रेलिया के एक विश्वविद्यालय परिसर में ‘हिजाब’ पहनी हुई मुसलमान महिला पर कथित रूप से नस्ली और भेदभाव भरी टिप्पणियां की गयीं और उसे ‘आतंकवादी’ पुकारते हुए ‘हिजाब पहनने पर सवाल उठाया गया.’ ‘द संडे टेलीग्राफ’ की खबर के अनुसार, मैक्वायर विश्वविद्यालय में हुए इस घटना के वीडियो में एक महिला ‘नकाब’ पहनी हुई मुस्लिम महिला को आतंकवादी पुकारते हुए और उसपर हमला करते हुए दिख रही है.
पीडित रमजी अल्मादी ने अपने और अपनी पत्नी के साथ हुई घटना को फेसबुक पर पूरे विस्तार से बताया है और वीडियो भी पोस्ट किया है. अल्मादी ने लिखा है, ‘जब हम कार में बैठे, (नकाब पहने) मेरी पत्नी ने सबकुछ सही चल रहा है ऐसा सोचते हुए बेहद नरमी और मासूमियत से एक महिला की ओर हाथ हिलाया.बस यहीं बात बिगड़ गयी. महिला नाराज हो गयी. वह गुस्से में चिल्लाई. मेरी पत्नी की ओर इशारा किया और चिल्लाई, इसे (नकाब) उतारो.’
रमजी अल्मादी ने लिखा, ‘वह हमारी कार की ओर दौड़ी, मैंने अपनी पत्नी से कहा कि वह दरवाजे बंद कर ले और कुछ भी होने पर उसे रिकार्ड कर ले. बाकि कहानी आपको वीडियो बताएगा. उसने कार के शीशे पर जोर-जोर से मारा और मेरी पत्नी के खिलाफ नस्ली तथा भेदभावपूर्ण बातें बोलती रही. उतारो इसे. तुम मुसलमान आतंकवादी.’
वीडियो में महिला बोल रही है, ‘कौन हो तुम? तुमने नकाब क्यों पहना है? आतंकवादी. तुम्हारे पास बंदूक है क्या?’ महिला ने अल्मादी की कार के वाइपर पकड़ लिये, जिसके बाद उन्हें गाड़ी से बाहर आना पड़ा. वह महिला को शांत कराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उसने उन्हें धक्का देना शुरू कर दिया.
घटना की प्रत्यक्षदर्शी एमिलि ग्रेस गफ ने भी इसका वीडियो पोस्ट किया है और आश्चर्य जताया है कि एक महिला पुरुष पर हमला कर रही है जो अपनी पत्नी को बचाने का प्रयास कर रहा है. इस 35 वर्षीय महिला के खिलाफ मार-पीट और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है. उसे 13 मार्च को बरवुड स्थानीय अदालत में पेश होने का नोटिस दिया गया है.
गौरतलब है कि नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में ट्रम्प की जीत की घोषणा के बाद से ही अमेरिका और ब्रिटेन सहित यूरोप के ज्यादातर भागों में नस्ली और धार्मिक आधार पर भेदभाव तथा हमले बढ़ गये हैं.