ट्रंप के फैसले से दुखी मलाला
न्यूयॉर्क : पाकिस्तान की छात्र कार्यकर्ता और शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने कहा कि वह शरणार्थियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से ‘‘अत्यंत दुखी’ हैं. मलाला ने ट्रंप से अनुरोध किया कि वह दुनिया के सबसे असुरक्षित लोगों को अकेला ना छोडें. पाकिस्तान में लडकियों के लिए शिक्षा की […]
न्यूयॉर्क : पाकिस्तान की छात्र कार्यकर्ता और शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने कहा कि वह शरणार्थियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से ‘‘अत्यंत दुखी’ हैं. मलाला ने ट्रंप से अनुरोध किया कि वह दुनिया के सबसे असुरक्षित लोगों को अकेला ना छोडें. पाकिस्तान में लडकियों के लिए शिक्षा की खुलकर वकालत करने वाली 19 वर्षीय मलाला को वर्ष 2012 में तालिबानी आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी.
मलाला ने कहा, ‘‘मैं अत्यंत दुखी हूं कि आज राष्ट्रपति ट्रंप हिंसा और युद्धग्रस्त देशों को छोडकर भाग रहे बच्चों, माताओं और पिताओं के लिए दरवाजे बंद कर रहे है.’ इस बाबत आदेश पर ट्रंप के हस्ताक्षर करने के कुछ देर बाद मलाला ने एक बयान में कहा, ‘‘दुनियाभर में अनिश्चितता और अशांति के इस समय में, मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अनुरोध करती हूं कि वह विश्व के सबसे असहाय बच्चों और परिवारों की ओर से मुंह ना मोडें.’ मलाला शांति के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की विजेता हैं.
उन्हें भारत के शिक्षा कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रुप से 2014 में यह पुरस्कार दिया गया. अब इंग्लैंड में रह रही मलाला ने कहा, ‘‘मैं बहुत दुखी हूं कि अमेरिका शरणार्थियों और प्रवासियों का स्वागत करने के अपने गौरवशाली इतिहास को पीछे छोड रहा है. इन लोगों ने आपके देश को आगे ले जाने में मदद की और वे एक नई जिंदगी का उचित मौका मिलने के बदले कडी मेहनत करने के लिए तैयार हैं.’