नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि भीम एप जारी किये जाने के कुछ ही दिनों के भीतर मोबाइल भुगतान का सबसे लोकप्रिय एप बन गया है. इसके साथ ही, उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही शुरू होने वाली आधार भुगतान प्रणाली से भारत में ‘तकनीकी क्रांति’ का मार्ग प्रशस्त होगा. राष्ट्रपति ने कहा कि मोबाइल एप भीम (भारत इंटरफेस फॉर मनी) को जारी करना डॉ भीमराव अंबेडकर की दूरदृष्टि को एक श्रद्धांजलि है, जो गरीब से गरीब के आर्थिक सशक्तिकरण के पैरोकार थे. कुछ ही दिनों के भीतर यह देश में एक लोकप्रिय मोबाइल एप आधारित भुगतान प्रणाली बन गयी है. मोबाइल फोन के जरिये त्वरित और सुरक्षित नकदीरहित लेनदेन की खातिर स्वदेशी रूप से विकसित भीम एप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर को जारी किया था. मध्य जनवरी तक इसे 1.1 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है.
संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि बायोमीट्रिक आधार भुगतान प्रणाली को जल्द ही शुरू किया जायेगा और इससे भारत में तकनीकी क्रांति का मार्ग प्रशस्त होगा. आधार भुगतान के लिए पहले ही कम से कम 14 बैंक एक साथ आ चुके हैं. इससे लोग अपने आधार नंबर और बायोमीट्रिक के जरिये भुगतान का लेन-देन करने में सक्षम होंगे. इसके अलावा डिजीधन अभियान और दो लाख कॉमन सर्विस सेंटर पांच लाख से अधिक युवकों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं तथा डिजीटल साक्षरता को बढ़ावा दे रहे हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि बैंकिंग व्यवस्था को गरीबों के दरवाजे तक ले जाने के लिए भारतीय डाक भुगतान बैंक की शुरुआत की गयी है. उन्होंने कहा कि व्यापक पहुंच और 1.5 लाख से अधिक डाक कार्यालयों की गहरी पहुंच के साथ डाक नेटवर्क डाक बैंकों के रूप में काम करेंगे. इसके अतिरिक्त बैंकों द्वारा नियुक्त किये गये एक लाख से अधिक बैंक मित्र तथा ढाई लाख से अधिक ग्राम डाक सेवक भी बैंकों के प्रतिनिधि की तरह काम करेंगे.
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सरकार की ‘स्टैंड अप इंडिया’ पहल के जरिये ढाई लाख से अधिक अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण की योजना है. उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति हब की शुरुआत की गयी है, जिसके लिए शुरुआती चरण में 490 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है.
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ऑप्टिकल फाइबर केबल भारत नेट परियोजना अब 75,700 ग्राम पंचायतों को कवर कर रही है, जो मई, 2014 में केवल 59 था. उन्होंने कहा कि कोयला ब्लॉक और स्पैक्ट्रम की नीलामी प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन में सरकार द्वारा तय की गयी पारदर्शिता के उच्च मानकों को दर्शाती है. इसे आगे बढ़ाने के लिए सरकारी खरीद को एकल प्लेटफार्म जीईएम (गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस) के तहत लाया गया है. राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए डिजीटल भारत कार्यक्रम के तहत पूर्वोत्तर बीपीओ संवर्धन योजना को मंजूरी दे चुकी है.