नयी दिल्ली : मनरेगा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व पीएम डाॅ मनमोहन सिंह की तीखी आलोचना करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने मनरेगा के बजटीय आवंटन में लगातार दूसरे साल उल्लेखनीय वृद्धि की है. बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा केलिए आवंटन को चालू वित्त वर्ष के 38,500 करोड़रुपये से बढाकर 2017-18 में 48,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके साथ ही ग्रामीण सड़क कार्यक्रम केलिए 19,000 करोड़ रुपये दिये गये हैं.मालूम हो कि मनरेगा कोसोनिया गांधी की सोचकापरिणाम माना जाता है, जिसेदेश के सभी जिलों मेंराहुल गांधी की विशेष मांग पर यूपीए – 1 सरकार में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने लागू किया था. मालूम हो कि पिछले बजट में जब जेटली नेमनरेगा का बजट आवंटन बढ़ाने का एलान किया था तो उस पर बाद में प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा था कियह सुन कर उनकी आंखों में आंसूआ गये.
ग्रामीण, कृषि और सहायक क्षेत्रों केलिए कुल 1,87,223 करोड़रुपये के आवंटन का प्रावधान है जो कि पिछले साल के मुकाबले 24 प्रतिशत अधिक है. बुनियादी ढांचागत क्षेत्र को बढावा देने केलिए रेलवे के पूंजीगत व्यय और विकास कार्यों के लिए 1,31,000 करोड़रुपये रखे गये हैं जिसमें 55,000 करोड़ रुपये केंद्रीय बजट से दिये जायेंगे. रेलवे यात्री सुरक्षा, पूंजी और विकास कार्यों, साफ-सफाई और वित्तएवं लेखा सुधारों पर गौर करेगी. पांच साल में एक लाख करोड़रुपये के कोष से एक यात्री सुरक्षा कोष बनाया जायेगा. इसके अलावा पहचान किये गये मार्गों का आधुनिकीकरण और उन्नयन किया जायेगा. अगले वित्त वर्ष में 3,500 किलोमीटर रेलवे लाइन बनाई जायेगी, जबकि चालू वित्त वर्ष में 2,800 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण किया गया.
पर्यटन और तीर्थाटन के लिये विशेष गाड़ियां चलायी जायेंगी. सड़क क्षेत्र में राजमाग केलिए आवंटन 2016-17 के 57,976 करोड़ रुपये से बढाकर 64,900 करोड़ रुपये किया गया है. रेल, सड़क और जहाजरानी समूचे क्षेत्र केलिए अगले वित्त वर्ष में कुल मिलाकर 2,41,387 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. जेटली ने कहा, ‘‘इतनी राशि का निवेश होने से आर्थिक गतिविधियों में काफी तेजी आयेगी और अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे.’ वित्तीय क्षेत्र में सुधारों को बढातेहुए बजट में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड :एफआईपीबी: को समाप्त करने का भी प्रस्ताव किया गया है.