अमेरिका में रेज एक्ट पेश, एच-1बी वीजा पर ध्यान नहीं किया केंद्रित

वाशिंगटन : अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने आव्रजन का स्तर कम करके आधा करने के लिए सीनेट में एक विधेयक पेश किया है. इसे ग्रीन कार्ड हासिल करने या अमेरिका में स्थायी निवासी बनने की इच्छा रखने वालों के समक्ष संभावित चुनौती समझा जा रहा है. रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2017 9:22 AM

वाशिंगटन : अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने आव्रजन का स्तर कम करके आधा करने के लिए सीनेट में एक विधेयक पेश किया है. इसे ग्रीन कार्ड हासिल करने या अमेरिका में स्थायी निवासी बनने की इच्छा रखने वालों के समक्ष संभावित चुनौती समझा जा रहा है. रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डेविड पर्डू ने ‘रेज एक्ट’ पेश किया है, जिसमें हर वर्ष जारी किये जाने वाले ग्रीन कार्डों या कानूनी स्थायी निवास की मौजूदा करीब 10 लाख की संख्या को कम करके पांच लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है.

ऐसा माना जा रहा है कि इस विधेयक को ट्रंप प्रशासन का समर्थन प्राप्त है. यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो इससे उन लाखों भारतीय अमेरिकियों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, जो रोजगार आधारित वर्गों में ग्रीन कार्ड मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में किसी भारतीय को ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए 10 से 35 साल इंतजार करना पड़ता है और यदि प्रस्तावित विधेयक कानून बन जाता है, तो यह अवधि बढ सकती है. इस विधेयक में एच-1बी वीजा पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया है. कॉटन ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारी आव्रजन प्रणाली अमेरिकी कर्मियों के लिए काम करना शुरू करे.

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