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अमेरिका में वीजा मामले में अटॉर्नी जनरलों पर बरसे न्यायाधीश, कहा – सरकार की दलील खोखली

सेन फ्रांसिस्को : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध को कड़े परीक्षण का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिकी अपीली अदालत में न्यायाधीशों के एक पैनल ने सरकार की इन दलीलों को खोखला बताया कि प्रतिबंध के पीछे की वजह आतंकवाद के कारण उपजा डर है. इसके साथ ही उन्होंने उस अटॉर्नी से […]

सेन फ्रांसिस्को : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध को कड़े परीक्षण का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिकी अपीली अदालत में न्यायाधीशों के एक पैनल ने सरकार की इन दलीलों को खोखला बताया कि प्रतिबंध के पीछे की वजह आतंकवाद के कारण उपजा डर है. इसके साथ ही उन्होंने उस अटॉर्नी से भी तीखे सवाल पूछे, जिसका दावा था कि यह प्रतिबंध मुस्लिमों को असंवैधानिक तौर पर निशाना बनाता है

यह सुनवाई सेन फ्रांसिस्को के नाइंथ सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में तीन न्यायाधीशों के समक्ष हुई. इस सुनवाई के केंद्र में यह बात थी कि प्रतिबंध को चुनौती दिये जाने की इस स्थिति में निचली अदालत द्वारा शासकीय आदेश पर लगायी गयी अस्थायी रोक को जारी रखा जा सकता है या नहीं, लेकिन यहां न्यायाधीश शासकीय आदेश से जुड़े व्यापक संवैधानिक सवालों की ओर चले गये. ट्रंप के आदेश ने उन मुस्लिम बहुल सात देशों के लिए अमेरिका के शरणार्थी कार्यक्रम और आव्रजन को निलंबित कर दिया है, जिनके चलते आतंकवाद संबंधी चिंताएं पैदा हुई हैं.

फोन पर अनोखे तरीके से हुई सुनवाई

एक अनोखे कदम के तौर पर यह सुनवाई फोन पर की गयी और इसका सीधा प्रसारण अदालत की वेबसाइट से किया गया. न्यायाधीश रिचर्ड क्लिफटन ने वाशिंगटन और मिनेसोटा राज्यों का पक्ष रख रहे अटॉर्नी से पूछा कि उनके पास क्या सबूत है कि यह प्रतिबंध धर्म से प्रेरित था. इन दोनों राज्यों ने प्रतिबंध को चुनौती दी है. न्यायाधीश ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि हम धार्मिक भावना को इससे क्यों जोड़ रहे हैं, जबकि वास्तव में मुस्लिमों का एक बड़ा तबका प्रभावित नहीं होगा. उन्होंने अपनी गणनाओं का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया के सिर्फ 15 फीसदी मुस्लिम प्रभावित हुए. उन्होंने कहा कि चरमपंथी इस्लामिक गतिविधियों से जुड़े लोगों के कारण उपजने वाले आतंकवाद को लेकर जो चिंताएं पैदा हुई हैं, उन्हें नजरअंदाज करना बेहद मुश्किल है.

वाशिंगटन के सॉलिसिटर जनरल परसेल ने ट्रंप के बयानों का हवाला देकर दी दलील

वाशिंगटन राज्य के सॉलिसिटर जनरल नोआ परसेल ने मुस्लिमों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी लगाने के ट्रंप के सार्वजनिक बयानों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि राज्य यह नहीं दिखाना चाहते कि हर मुस्लिम प्रभावित हुआ है. हम यह दिखाना चाहते हैं कि यह प्रतिबंध धार्मिक भेदभाव से प्रेरित है. वहीं, क्लिफटन ने सरकार के अटॉर्नी से पूछा कि क्या वह ट्रंप और न्यू यॉर्क के पूर्व मेयर रडोल्फ गियुलियानी के बयान से इनकार करते हैं? रडोल्फ ने कहा था कि ट्रंप ने उन्हें मुस्लिम प्रतिबंध की योजना तैयार करने के लिए कहा था.

न्याय मंत्रालय ने मुस्लिमों के प्रतिबंध के पक्ष बतायी साक्ष्य की कमी

न्याय मंत्रालय का पक्ष रख रहे अगस्त फ्लेंत्जे ने कहा कि वह इन बयानों से इनकार नहीं करते. उन्होंने कहा कि मामला तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार ने प्रतिबंध के समर्थन में अब तक साक्ष्यों को शामिल नहीं किया है. हालांकि, उन्होंने अमेरिका में कई सोमालियाई लोगों का हवाला दिया, जो उनके अनुसार अल-शबाब नामक आतंकी समूह से जुड़े हैं.

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