सिडनी : बीजिंग ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की आक्रामक बयानबाजी के मद्देनजर दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के साथ संघर्ष की आशंकाओं को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा है कि इससे दोनों पक्षों का नुकसान होगा. चीन दक्षिण पूर्वी एशियाई पड़ोसियों के दावों के बावजूद संसाधन समृद्ध इस लगभग पूरे क्षेत्र पर अपनी संप्रभुत्ता का दावा करता है. चीन ने यहां कृत्रिम द्वीप बनाये हैं. इन कृत्रिम द्वीपों को संघर्ष का संभावित बिंदु माना जा रहा है और व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के बयानों ने माहौल और गर्म कर दिया है.
इस बीच, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ऑस्ट्रेलिया के दौरे के दौरान कहा कि युद्ध से किसी का भला नहीं होगा. ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टर कॉरपोरेशन की खबर के अनुसार, वांग यी ने कैनबरा में एक दुभाषिये के माध्यम से कहा कि कोई भी समझदार राजनीतिज्ञ स्पष्ट रूप से यह जानता है कि चीन और अमेरिका के बीच संघर्ष नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि इससे दोनों पक्षों का नुकसान होगा.
उल्लेखनीय है कि स्पाइसर ने पिछले माह कहा था कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिका अपने हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि टिलरसन ने कहा था कि इन द्वीपों तक चीन की पहुंच रोकी जा सकती है. इसके बाद दोनों के बीच सैन्य टकराव की संभावना बढ़ गयी है. एबीसी की खबर के अनुसार, वांग ने कहा कि अमेरिका और चीन के संबंधों ने दशकों से सभी प्रकार की कठिनाइयों को मात दी है.