उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण से मचा हड़कंप, संयुक्त राष्ट्र में बैठक बुलाने की मांग
संयुक्त राष्ट्र : उत्तर कोरिया ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की है कि उसके द्वारा एक बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इस परीक्षण को उत्तर कोरिया की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है जिससे हड़कंप मच गया है. इधर […]
संयुक्त राष्ट्र : उत्तर कोरिया ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की है कि उसके द्वारा एक बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इस परीक्षण को उत्तर कोरिया की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है जिससे हड़कंप मच गया है.
इधर अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अनुरोध किया है कि वह उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण पर चर्चा करने के लिए एक आपात बैठक बुलाये. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कार्यभार संभाले जाने के बाद यह पहला परीक्षण है. उत्तर कोरिया की ओर से बैलिस्टिक मिसाइल के ‘सफल’ परीक्षण की पुष्टि किए जाने के बाद सोमवार को परिषद द्वारा वार्ता आयोजित किए जाने की संभावना है.
अमेरिकी मिशन के एक प्रवक्ता ने कहा, कि अमेरिका ने जापान और कोरियाई गणतंत्र के साथ मिलकर यह अनुरोध किया है कि उत्तर कोरिया द्वारा 12 फरवरी को किए गए बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण पर आपात वार्ता आयोजित की जाए. उन्होंने कहा कि यह बैठक दोपहर के समय आयोजित की जा सकती है. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरियाई मिसाइल समुद्र में गिरने से पहले लगभग 500 किमी तक की दूरी तक गई थी.
सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने इसे कोरियाई शैली की नई रणनीतिक हथियार प्रणाली बताते हुए कहा, कि सतह से सतह तक मारने में सक्षम मध्यम से लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का कल ‘सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण’ किया गया. इस परीक्षण को ट्रंप की प्रतिक्रिया की परीक्षा के तौर पर भी देखा जा रहा है. ट्रंप ने वाशिंगटन के क्षेत्रीय सहयोगी जापान को ‘100 फीसदी’ समर्थन देने का संकल्प लिया था.
फ्लोरिडा में ट्रंप के साथ तात्कालिक संवाददाता सम्मेलन कर रहे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने इस परीक्षण को ‘‘बिल्कुल बर्दाश्त न किया जा सकने वाला’ बताया है. अलग-थलग पडे उत्तर कोरिया ने पिछले साल 20 से ज्यादा मिसाइल परीक्षण किए थे। अगस्त में प्रक्षेपित एक मिसाइल जापान के नियंत्रण वाले जलक्षेत्र में पहुंच गई थी. संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु प्रौद्योगिकी का प्रयोग किए जाने पर रोक है.