सेनेट के डिप्टी चेयरमैन को वीजा नहीं मिलने मामला गरमाया, बौखलाये पाक जनप्रतिनिधियों ने दी बॉयकॉट की धमकी

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी सेनेट के उप सभापति को वीजा देने से अमेरिका के इनकार के बाद पाकिस्तानी सांसद बुरी तरह बौखला गए हैं. पाकिस्तानी जनप्रतिनिधियों ने अमेरिका का बॉयकॉट करने की धमकी दे डाली है. आपको बता दें कि अमेरिका ने पाकिस्तान की सीनेट के डिप्टी चेयरमैन मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को वीजा देने से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2017 11:29 AM

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी सेनेट के उप सभापति को वीजा देने से अमेरिका के इनकार के बाद पाकिस्तानी सांसद बुरी तरह बौखला गए हैं. पाकिस्तानी जनप्रतिनिधियों ने अमेरिका का बॉयकॉट करने की धमकी दे डाली है. आपको बता दें कि अमेरिका ने पाकिस्तान की सीनेट के डिप्टी चेयरमैन मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को वीजा देने से मना कर दिया है जिसके बाद से मामला गरम है.

अमेरिका की इस मनाही के बाद हैदर पाकिस्तान की सीनेट के प्रतिनिधि के तौर पर अब संयुक्त राष्ट्र संघ की इंटर- पार्लियामेंट्री यूनियन की मीटिंग में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. अमेरिका के इनकार के बाद पाक प्रतिनिधमंडल ने अपना दौरा रद्द कर दिया है. यह मीटिंग न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में होने वाला है. इस मीटिंग में पाक सीनेट के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को हिस्सा लेना था. यह मीटिंग 13 और 14 फरवरी को होने वाली है. हैदरी पाक की बड़ी इस्लामिक पार्टी जमियत उलेमा इस्लाम के सेक्रेटरी जनरल भी हैं. हैदरी इस प्रतिनिधिमंडल को लीड करने वाले थे.

पाक डेलिगेशन के दूसरे सदस्य सीनेटर लेफ्टिनेंट जनरल सलाहुद्दीन तिरमीजी को दो दिन पहले वीजा दे दिया गया, लेकिन हैदर को वीजा देने से मना कर दिया गया. अमेरिका के इस फैसले को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुस्लिम देशों के लोगों प्रति सख्त रवैये के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तकनीकी वजहों के कारण हैदरी को वीजा नहीं जारी करने का फैसला किया गया.

अमेरिका की इस कार्रवाई पर पाकिस्तान ने अपनी पहली प्रतिक्रिया इस रूप में दी है कि उसने अपने डेलिगेशन के न्यूयॉर्क विजिट को रद्द कर दिया. इसके साथ ही अमेरिका के किसी भी प्रतिनिधिमंडल का अपने देश स्वागत न करने का फैसला किया है. पाक सीनेट के चेयरमैन रजा रब्बानी ने अपने सेक्रेटेरियट को निर्देश दिया है कि वह इस मुद्दे के हल होने तक किसी भी अमेरिकी डेलिगेशन या डिप्लोमैट की खातिरदारी न करे.

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