ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के जरिये तीन लाख करोड़ की निवेश संभावना

रांची : रांची में आज से होने जा रहे मोमेंटम झारखंड यानी ग्लोबल निवेश समिट के जरिये झारखंड में तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश की संभावना है. यह पिछले एक साल में झारखंड सरकार की कड़ी मेहनत और आधारभूत संरचना एवं निवेश संबंधी प्रक्रिया में बड़े सुधार का नतीजा है, वरना दो साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2017 9:08 PM
रांची : रांची में आज से होने जा रहे मोमेंटम झारखंड यानी ग्लोबल निवेश समिट के जरिये झारखंड में तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश की संभावना है. यह पिछले एक साल में झारखंड सरकार की कड़ी मेहनत और आधारभूत संरचना एवं निवेश संबंधी प्रक्रिया में बड़े सुधार का नतीजा है, वरना दो साल पहले वैश्वि स्तर की समीक्षा में झारखंड निराशाजनक स्थिति में था.
विश्व बैंक की 2014 की रिपोर्ट में झारखंड सुगम व्ययापार मामले में देश में 26वें स्थान पर था. आज यह सातवें स्थान पर है. दो-ढाई साल में झारखंड ने औद्योगिक जगत में काफी विश्वास हासिल किया और आधाभूत संरचना में व्यापक सुधार कर इतने बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना की बुनियाद तैयार की.
समाप्त किये गये 25 से ज्यादा कानून
राज्य में पूंजी निवेश की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए श्रम विभाग के 25 से ज्यादा कानून खत्म किये गये. इंस्पेक्टर राज सिस्टम को समाप्त किया गया और सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था की गयी है. इससे पहला बदलाव यह आया कि श्रम कानूनों में सुधार के मामले में झारखंड देश का पहले नंबर का राज्य बन गया. इस प्रयासों के कारण झारखंड विश्व बैंक और औद्योगिक नीति और प्रोत्साहन विभाग की रिपोर्ट में तीसरा सुगम व्यापारिक राज्य बन गया. रैंकिंग के हिसाब से यह सातवें स्थान पर है.
मेक इन झारखंड पर जोर
झारखंड सरकार ने निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ‘मेक इन झारखंड’ का कंसेप्ट डेवपल किया और इसमें निवेश करने का आह्वान किया. राज्य की निवेशक अनुकूल नीतियों तथा कारोबार सुगमता की स्थिति से देश-दुनिया के उद्योगपतियों को अवगत कराया गया. सरकार निवेशकों को सुरक्षा की गारंटी दे रही है और उनका विश्वास हासिल करने में जुटी है.
इन सेक्टरों में संभावनाएं
वैसे तो झारखंड खनिज और वन संसाधन से संपन्न राज्य है, सरकार ने दूसरे सेक्टरों की भी पहचान निवेश और औद्योगिक विकास के लिए की है. इनमें फूड प्रोसेसिंग, टेक्साटइल, प्लास्टिक समेत कई क्षेत्र शामिल हैं.
निवेश के आधार तत्च
जमीन और सुरक्षा की गारंटी
आधारभूत संचरना में सुधार
सिंगल विंडो सिस्टम
श्रम संबंधी 25 से अधिक कानूनों की समाप्ति
देश की 40 प्रतिशत खनिज की झारखंड में उपलब्धता
सस्ती और बेहतर श्रम शक्ति

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