झारखंड में निवेश का यह सबसे उपयुक्त समय, उद्योग-व्यापार का वातावरण दोस्ताना : सीएम रघुवर दास
रांची:झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मोमेंटम झारखंड को संबोधित करते हुए निवेशकों को हर तरह की सुविधा मुहैया कराने का भरोसा दिया और कहा कि निवेश के लिए यह सबसे उपयुक्त समय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेक इन झारखण्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया का हिस्सा है. मोमेंटम झारखंड से इसे […]
रांची:झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मोमेंटम झारखंड को संबोधित करते हुए निवेशकों को हर तरह की सुविधा मुहैया कराने का भरोसा दिया और कहा कि निवेश के लिए यह सबसे उपयुक्त समय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेक इन झारखण्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया का हिस्सा है. मोमेंटम झारखंड से इसे बड़ी उम्मीद है. केंद्र सरकार का झारखंड को सहयाेग मिल रहा है. देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल करनेवाले राज्यों में झारखंड को 5वां तथा व्यापार सुगमता के मामले में सातवां स्थान हासिल है. श्रम सुधार में भी झारखंड पिछले दो वर्षों में लगातार पहले स्थान पर है. झारखंड देश का तीसरा राज्य है, जिसने जीएसटी को स्वीकार किया. मुख्यमंत्री ने झारखंड में निवेश की संभावनाओं, आधारभूत संरचना में किये गये विकास, उपलब्ध संसाधन और मानव श्रम तथा निवेश के अनुकूल वातावरण के निर्माण की चर्चा की.
मुख्यमंत्रीरघुवर दासने कहा कि राज्य में उद्योग-व्यापार के लिए मैत्रीपूर्ण वातावरण बना है. इसके लिए निवेश प्रोत्साहन के लिए निवेश प्रोत्साहन बोर्ड एवं आइटी एडवाइजरी काउंसिल बनाया गया है और इसमें उद्योग-व्यापार जगत के सफल नायकों को शामिल किया गया है.
मुख्यमंत्रीरघुवर दासने कहा कि झारखण्ड एक तेजी से उभरता हुआ युवा प्रदेश है. यह लगातार भारत का सर्वाधिक विकसित और संपन्न राज्य बनने की दिशा में बढ़ रह है. यह प्रदेश संभावनाओं से भरा हुआ है. खनिज संपदा की दृष्टि से झारखण्ड दुनिया का सर्वाधिक संपन्न राज्य है, जहां भारत के कुल खनिज भंडार का 40 प्रतिशत मौजूद है. उन्होंने कहा कि यहां की श्रम शक्ति इस प्रदेश की सबसे बड़ी पूंजी है. झारखंड की कुल जनसंख्या का 60 प्रतिशत श्रम योग्य आयु वर्ग का है. झारखंड के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 12.1 प्रतिशत है और प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि की दर 11.1 प्रतिशत है. यह हमारी तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था का द्योतक है.
मुख्यमंत्रीरघुवर दासने झारखण्ड में उपलब्ध संभावनाओं की चर्चा की और कहा कि यहां देश का सबसे ज्यादा कोयला भंडार है. लौह अयस्क भंडार के मामले में झारखंड देश में दूसरा स्थान रखते है. देश के कुल स्टील उत्पादन में झारखंड 25 प्रतिशत की और तसर सिल्क उत्पादन में 62 प्रतिशत की हिस्सेदारी निभाता है. मटर जैसे कृषि उत्पाद उत्पादन में भी झारखंड अग्रणी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश संवर्द्धन अभियान को गति देने के लिए राज्य की नीतियों और प्रशासनिक व्यवस्था को निवेशकों के अनुकूल बनाया गया है. इसके तहत सिंगल विंडो सिस्टम, नीतियों का सरलीकरण और 16 नयी नीतियां शामिल हैं. उन्होंने नयी नीतियों में अफोर्डेबल हाउसिंग, ऑटोमोबाइल एंड ऑटो कॉम्पोनेंट, बीपीओ – बीपीएम, एक्सपोर्ट पालिसी, फिल्म पाॅलिसी, फिस्कल इनसेंटिवस स्कीम फॉर सेटिंग अप ऑफ मेडिकल इंस्टीट्यूशन्स, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पालिसी, इंडस्ट्रियल पार्क पालिसी, स्टार्ट अप, इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन पालिसी और आईटी पालिसी की चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में यह पहला वैश्विक निवेशक सम्मलेन है. उन्होंने उन उन व्यापारिक और औद्योगिक संगठनों के प्रति आभार जताया, जिन्होंने झारखण्ड को विश्व भर के निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बनाने की हाथ बंटाया. उन्होंने झारखंड को विकास के रास्ते पर तेजी से ले जाने में निवेशकों के इस सहयोग को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि 16 फरवरी का दिन झारखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. 105 साल पहले 16 फरवरी, 1912 को भारत के पहले स्टील बार का उत्पादन जमशेदपुर में हुआ था.
रघुवर दास ने कहा कि सबका साथ सबका विकास के लक्ष्य को पूरा करने में यह समिट अहम साबित होगा. उन्होंने इस मामले में झारखंड के बजट की चर्चा की और कहा कि इसमें आम जनता, उद्योग-व्यापार जगत, अर्थशास्त्रियों एवं अन्य विशेषज्ञों की राय को स्थान दिया गया है.
उन्होंने निवेशकों को भराेसा दिया कि केंद्र सरकार का सहयोग झारखंड के विकास में निरंतर मिलता रहा है. निवेश के लिए यह सही समय है. राज्य सरकार ने एक औद्योगिक माहौल विकसित किया है. राज्य सरकार निवेशकों के लिए हर तरह की सुविधा देने को तत्पर है. विधि-व्यवस्था, औद्योगिक शांति और अन्य मापदंडों पर भी पूरी तैयारी ली गयी है. निवेशकों के लिए भूमि बैंक उपलब्ध है.
उन्होंने निवेशकों को यह भी भरोसा दिया कि राज्य के विकास मॉडल में औद्योगिक एवं आर्थिक विकास के लिए स्थानीय जनसमुदाय भी भागीदारी निभायेंगे. निवेश प्रक्रिया को सरल बनाने और इसकी नियमित निगरानी के लिए ऑनलाइन सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है. कृषि झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. रासायनिक खाद का न्यूनतम उपयोग करके देश में सब्जी का सबसे ज्यादा उत्पादक किया जा रहा है. उन्होंने 2020 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य पाने वचनबद्ध दोहरायी. उन्होंने फूड प्रोसेसिंग, डेयरी उद्योग, गोदामों एवं कोल्ड चैन के निर्माण आदि क्षेत्रों में निवेश के असीमित अवसर उपलब्ध कराने का भरोसा दिया.
उन्होंने आधारभूत संरचना निर्माण, विद्युत, पर्यटन, कला-संस्कृति और ग्राम्य जीवन से जुड़े दूसरे क्षेत्रों में भी निवेश की संभावनाएं बतायीं. मुख्यमंत्री ने रांची के समीप पतरातू में हम 200 एकड़ में फिल्म सिटी और फिल्म उद्योग के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना निर्माण की योजना की भी चर्चा की.
उन्होंने अगले वर्ष 28, 29 एवं 30 नवंबर को प्रवासी झारखंडी सम्मेलन और 2019-20 में ग्लोबल इनवेस्टर समिट के आयोजन की घोषणा की.