बिना डीएनए टेस्ट के किम के सौतेले भाई का शव नहीं देगा मलेशिया

कुआलालंपुर : मलेशिया ने कहा है कि प्योंगयांग के अनुरोध के बावजूद उत्तर कोरिया के नेता के सौतेले भाई का शव तब तक नहीं सौंपा जायेगा, जब तक कि उनके परिवार वाले डीएनए का नमूना मुहैया नहीं करा देते. कुआलालंपुर में जासूस इस मौत की गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. दक्षिण कोरिया ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2017 2:19 PM

कुआलालंपुर : मलेशिया ने कहा है कि प्योंगयांग के अनुरोध के बावजूद उत्तर कोरिया के नेता के सौतेले भाई का शव तब तक नहीं सौंपा जायेगा, जब तक कि उनके परिवार वाले डीएनए का नमूना मुहैया नहीं करा देते. कुआलालंपुर में जासूस इस मौत की गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. दक्षिण कोरिया ने इस मौत के बारे में कहा है कि जहरीला स्प्रे करने वाली महिला एजेंट उत्तर कोरिया के लिए काम कर रही थी. फॉरेंसिक विशेषज्ञ शुक्रवार को मृत व्यक्ति के शरीर का परीक्षण उस जहर की पहचान करने के लिए कर रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से उनके चेहरे पर इस सप्ताह की शुरुआत में उस समय स्प्रे किया गया था, जब वह विमान में सवार हो रहे थे.

मलेशिया के अधिकारी ने बताया कि उत्तर कोरिया के राजनयिकों ने पोस्टमार्टम पर आपत्ति जतायी है, लेकिन कुआलालंपुर अडिग है. उसका कहना है कि तब तक शव को नहीं सौंपा जायेगा, जब तक कि सारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती. सेलांगर राज्य के पुलिस प्रमुख अब्दुल समाह मैट ने कहा कि अब तक परिवार का कोई भी सदस्य या परिजन शव की पहचान करने या शव पर दावा पेश करने के लिए सामने नहीं आये हैं. हमें मृत व्यक्ति के परिवार का डीएनए नमूना चाहिए, ताकि शव के प्रोफाइल को मिलाया जा सके.

उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने शव पर दावा करते हुए एक अनुरोध पेश किया है, लेकिन शव को सौंपने से पहले हमें इसकी पहचान करनी होगी कि यह शव किस परिवार से संबंधित है. पुलिस ने इस संबंध में दो महिलाओं से पूछताछ की. उनमें से एक वियतनामी पासपोर्ट और दूसरी इंडोनेशिया के दस्तावेज के आधार पर यात्रा कर रही थी. मलेशिया के एक व्यक्ति से भी पूछताछ की गयी है. यह घटना उस समय सोमवार को हुई, जब किम जोंग-उन के सौतेले भाई जोंग-नाम मकाउ जाने वाले एक विमान में प्रवेश करने वाले थे. मलेशिया की पुलिस के मुताबिक, उनके चेहरे पर कोई तरल पदार्थ स्प्रे कर दिया गया था. उत्तर कोरिया ने इस हत्या पर कोई टिप्पणी नहीं की है और इस घटना का जिक्र भी उत्तर कोरिया के मीडिया में नहीं है.

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