शहबाज कलंदर दरगाह हमले के बाद पाकिस्तान ने हाफिज सईद को आतंकियों की सूची में शामिल किया

लाहौर : पाकिस्तान ने आतंकवाद निरोधक कानून की चौथी अनुसूची में एक बार फिर जमात-उद-दावा प्रमुख हाफीज सईद और उसके एक करीबी के नाम को शामिल किया है. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन में प्रकाशित समाचार के अनुसार, हाफीज सईद की ओर से आतंकवादी सूची में शामिल नाम को हटाने की मांग के बीच पंजाब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2017 1:21 PM

लाहौर : पाकिस्तान ने आतंकवाद निरोधक कानून की चौथी अनुसूची में एक बार फिर जमात-उद-दावा प्रमुख हाफीज सईद और उसके एक करीबी के नाम को शामिल किया है. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन में प्रकाशित समाचार के अनुसार, हाफीज सईद की ओर से आतंकवादी सूची में शामिल नाम को हटाने की मांग के बीच पंजाब प्रांत की सरकार ने आतंकवादी निरोधक कानून की चौथी अनुसूची में उसके नाम को शामिल किया है.

1450 आतंकवादियों के नाम को चौथी अनुसूची में किया गया है शामिल

पाकिस्तानी अखबार डॉन को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद आतंकवादी निरोधक कानून की चौथी अनुसूची में करीब 1450 आतंकवादियों के नाम को शामिल किया है. इसके साथ ही, आतंकवादियों की इस सूची में तीन अन्य नाम भी शामिल किये गये हैं, जिसमें फैसलाबाद के अब्दुल्ला ओबैद और मुरीदके के मर्कज-ए-तैयबा के जफर इकबाद और अब्दुर्रहमान आबिद के नाम शामिल हैं.

जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के पांच सक्रिय सदस्यों के नाम भी हैं शामिल

इन चार नामों के अलावा गृह मंत्रालय ने चौथी अनुसूची में जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के पांच सक्रिय सदस्यों के नाम को भी शामिल किया है. मंत्रालय ने पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक विभाग के अधिकारियों को इन लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है. पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश पर पंजाब प्रांत की सरकार ने चौथी अनुसूची में तीन ऐले तीन कैदियों के नाम को शामिल किया है, जो ग्वांतोनामो से पाकिस्तान की जेल में कैद हैं. हालांकि, उन्होंने जमात-उद-दावा के अन्य सदस्यों के नाम को बताने से इनकार किया है.

30 जनवरी से पाकिस्तान में ही नजरबंद है हाफिज सईद

बता दें कि जमात-उद-दावा का प्रमुख बीती 30 जनवरी से ही पाकिस्तान में भड़काऊ भाषण देने के चलते नजरबंद है. वह पाकिस्तान में सेना के सहयोग से पाकिस्तान की सरकार द्वारा आतंकवाद के विरोध में उठाये जा रहे कदम के विरोध में उग्र धमकी देने लगा था, जिससे सरकार को यह लगने लगा था कि वह आंतरिक सुरक्षा के घातक साबित हो सकता है. हालांकि, पाकिस्तान में वर्ष 1997 में आतंकवाद निरोधक कानून को लागू किया गया था और इसमें संशोधन करते हुए चौथी अनुसूची में उसके नाम को पक्षीय आधार पर शामिल किया गया है.

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