काबुल : शहबाज कलंदर दरगाह में हमले के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों ने नया मोड़ ले लिया है. अफगानिस्तान ने पाकिस्तान सरकार को 32 आतंकी ट्रेनिंग सेंटर और 85 वांछित आतंकियों की सूची सौंपी है. बता दें कि अफगानिस्तान पाकिस्तान पर आतंक को बढ़ावा देने का आरोप लगाता रहा है. अफगान सरकार इससे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भी अफगानिस्तान को अस्थिर करने का आरोप लगाया था.
गौरतलब है कि पिछले दिनों दरगाह में हमले के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को 76 आतंकियों की सूची सौंपी थी. उधर पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने सोमवार को उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान का एक ही दुश्मन है – आतंकवाद . दोनों देशों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहिए. आतंकियों के क्रॉस बार्डर मूवमेंट का मसला भी बैठक के दौरान उठाया गया. उधर जहां पाकिस्तानी सेना के अधिकारी एक साथ मिलकर आतंकियों के खिलाफ लड़ाई की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी और पाकिस्तान अपनी तोपें अफगान सीमा की ओर तैनात कर दी है.
पाकिस्तान अपनी तोपें अफगान सीमा की ओर ले गया
पाकिस्तान द्वारा अपनी तोपों को अफगान सीमा ओर बढाने संबंधी खबरों के बीच पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने आज कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा प्रबंध बढाए गए हैं ताकि आतंकवाद पर अंकुश लगाया जा सके. समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि पाकिस्तान में कई आतंकी हमले होने के बाद सेना चमन और टोरखाम जिलों में पाक-अफगान की तरफ तोपों को ले गई है.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के धड़े जमातुल अहरार के शिविरों को सेना द्वारा निशाना बनाए जाने के दो दिन बाद तोपों को सीमा की तरफ ले जाने वाला यह कदम उठाया गया. पाकिस्तान का आरोप है कि इस समूह को अफगानिस्तान में ‘पनाहगाह’ मिली हुई है. हाल के कुछ बडे आतंकी हमलों के लिए इसी समूह ने जिम्मेदारी ली है. जनरल बाजवा ने कहा कि अफगानिस्तान से लगी सीमा पर सुरक्षा संबंधी कदम उठाए गए हैं ताकि दोनों देशों के लिए खतरा बने आतंकवाद को पराजित किया जा सके. सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक बयान में कहा कि जनरल बाजवा ने रावलपंडिी स्थित सेना मुख्यालय में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की