Loading election data...

ट्रंप ने लगायी एच-1 बी वीजा पर रोक, तो यूरोपीय संघ ने दी आईटी प्रोफेशनल्स को नौकरी की अनुमति

नयी दिल्ली : यूरोपीय संघ (ईयू) ने बुधवार को कहा कि वह भारत से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के और ज्यादा पेशेवरों को अपने यहां अनुमति देने को तैयार है. ईयू ने वैश्विक व्यापार में किसी भी तरह के संरक्षणवाद की निंदा की है. यूरोपीय संघ ने अमेरिका के ट्रंप प्रशासन द्वारा एच-1 बी वीजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2017 3:15 PM

नयी दिल्ली : यूरोपीय संघ (ईयू) ने बुधवार को कहा कि वह भारत से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के और ज्यादा पेशेवरों को अपने यहां अनुमति देने को तैयार है. ईयू ने वैश्विक व्यापार में किसी भी तरह के संरक्षणवाद की निंदा की है. यूरोपीय संघ ने अमेरिका के ट्रंप प्रशासन द्वारा एच-1 बी वीजा सुविधा में कटौती किये जाने की संभावित पहल को लेकर भारत की परेशानी के बीच यह बात कही है.

यूरोपीय संसद की विदेश मामलों की एक समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भी भारत के साथ गहरे संबंधों पर जोर दिया. समिति ने लंबे समय से अटकी पडी ईयू-भारत व्यापार एवं निवेश समझौता बातचीत आगे नहीं बढा पाने पर दोनों पक्षों की असफलता पर खेद जताया. प्रतिनिधिमंडल ने इस मौके पर अमेरिकी सरकार के संरक्षणवादी रवैये की भी आलोचना की.

प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन के इस रख से यूरोप में भी डर पैदा हुआ है. प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख डेविड मैकएलिस्टर ने कहा कि यूरोप और ज्यादा भारतीय पेशेवरों को अपने यहां अनुमति देने के लिए तैयार है. भारतीय पेशेवरों की काफी मांग है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की अच्छी मांग है, यूरोप उन्हें लेने को तैयार है. भारतीय पेशेवर काफी कुशल हैं. हमारा आईटी क्षेत्र इतना सफल नहीं होता, यदि हमारे पास कुशल भारतीय पेशेवर नहीं होते.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने कार्यभार संभालने के तुरंत बाद ही एच-1 बी और एल-1 जैसे वीजा कार्यक्रमों की नये सिरे से समीक्षा का फैसला किया. उनके इस फैसले का भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों और पेशेवरों पर प्रतिकूल असर होगा. प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय नेताओं से व्यापक दायरे वाली ईयू-भारत व्यापार और निवेश समझौता बातचीत को फिर से शुरू करने पर भी जोर दिया है.

मैकएलिस्टर ने कहा कि इस समझौते के होने से दोनों पक्षों के बीच व्यापार को काफी बढ़ावा मिलेगा. भारत की यात्रा पर आये यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल यहां अनेक केंद्रीय मंत्रियों, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन तथा अन्य से मुलाकात का कार्यक्रम है. भारत के साथ रिश्तों पर गठित यूरोपीय संसद के प्रतिनिधिमंडल ने यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अपनी मुलाकात में व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का आग्रह किया है.

भारत और ईयू के बीच व्यापार एवं निवेश समझौते पर बातचीत मई 2013 से अटकी पड़ी है. कई अहम मुद्दों पर बढ़े मतभेदों को दूर करने में दोनों पक्ष असफल रहे हैं. यह बातचीत जून, 2007 में शुरू हुई थी. इस बातचीत में कई तरह की अड़चनें आयी हैं. बातचीत में निवेश सुरक्षा प्रणाली को लेकर पेंच फंसा है. भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह निवेश को किसी भी वैश्विक समझौते का हिस्सा नहीं बनने देगा, जिसमें कि निवेशक सरकार को अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में चुनौती दे सके.

Next Article

Exit mobile version