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अमेरिका की निजी जेलों में रखे जायेंगे कैदी, ट्रंप ने ओबामा द्वारा लगायी गयी रोक को हटाया

वाशिंगटन : अमेरिका में अब फिर से निजी जेलों में कैदियों को रखने की व्यवस्था लागू की जायेगी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने संघीय कैदियों के लिए निजी जेलों के इस्तेमाल को फिर से बहाल कर दिया है. इसके पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यहां पर निजी जेलों के संचालन पर […]

वाशिंगटन : अमेरिका में अब फिर से निजी जेलों में कैदियों को रखने की व्यवस्था लागू की जायेगी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने संघीय कैदियों के लिए निजी जेलों के इस्तेमाल को फिर से बहाल कर दिया है. इसके पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यहां पर निजी जेलों के संचालन पर रोक लगा दी थी. इस रोक को हटाते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि सुधार प्रणालियों की भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए व्यावसायिक जेल संचालकों की जरूरत है.

ट्रंप के नये अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने पूर्व बराक ओबामा प्रशासन के बीते अगस्त में निजी कंपनियों को जेल प्रबंधन से हटाने के उनके कदम को आधिकारिक रूप से रद्द कर दिया. ओबामा के न्याय विभाग ने कहा था कि यह खरा साबित नहीं हुआ है, अधिक खतरनाक है तथा सरकार द्वारा संचालित जेलों से सस्ता नहीं है.

सेशंस ने गुरुवार को जारी एक आदेश में कहा कि पिछले साल के इस कदम ने फेडरल ब्यूरो ऑफ प्रिजंस की लंबे समय से चली आ रही नीति को पलटा और संघीय सुधार प्रणाली की भविष्य की आवश्कताओं को पूरा करने में ब्यूरो की क्षमता को क्षति पहुंचाया. नीति के तहत जेलों में निजी कंपनियों को शामिल करने का प्रावधान है.

ओबामा के इस कदम से अमेरिकी जेल प्रणाली का केवल एक छोटा हिस्सा प्रभावित हुआ था. निजी रूप से संचालित 13 जेलों में 22,000 कैदी थे या संघीय जेलों में कैदियों की कुल संख्या के करीब 11 फीसदी कैदी हैं. अधिकतर कैदी विदेशी नागरिक हैं, जिनमें मुख्यत: मेक्सिकन नागरिकों को आव्रजन उल्लंघन के चलते जेल में रखा गया है.

ट्रंप सरकार ने अपराध और अवैध आव्रजन को रोकने का वादा किया था. उन्होंने सुझाव दिया था कि कम समय में जेल ब्यूरो के पास बेहतर धारण क्षमता हो सकती है. इन 13 जेलों को कोर सिविक (अब तक करेक्शंस कॉरपोरेशन ऑफ अमेरिका के नाम से प्रचलित), जीईओ ग्रुप और मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग कॉरपोरेशन नामक तीन कंपनियां चलाती हैं.

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