लंदन : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि ब्रिटेन का लोकतंत्र इस मामले में काफी उदार लगता है कि डिफाल्टर भी यहां ठहर सकते हैं, इस सामान्य स्थिति को तोड़ने की जरुरत है. समझा जाता है कि जेटली ने यह बात भारत के शराब कारोबारी विजय माल्या के संदर्भ में कही है जिसकी बैंक ऋण चुकाने में असफल रहने के कई मामलों में भारत में जरुरत है.
वित्त एवं कार्पोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने यहां एक कार्यक्रम में कर्ज लेकर नहीं चुकाने को बड़ी समस्या बताया और कहा कि भारत नहीं चाहता कि कर्ज डिफाल्टर कानून से बचकर रहें. लंदन स्कूल ऑफ इकनोमिक्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा, ‘‘कईयों को लगता है कि आप जब बैंक से कर्ज लेते हैं तो उस पैसे को लौटाने की जरुरत नहीं है आप लंदन आ जाइये और यहां रहने लगें … और यहां लोकतंत्र इस मामले में काफी उदार है जो कि बैंक डिफाल्टर को रहने की अनुमति देती है.
इस सामान्य स्थिति को तोड़ने की जरुरत है.” ब्रिटेन की यात्रा पर यहां पहुंचे जेटली ने कहा, ‘‘ऐसा पहली बार हो रहा है कि कड़ा कदम उठाया गया है. वास्तव में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि कर्ज लेकर उसे नहीं लौटाने वाले देश से भाग रहे हैं. वह भाग रहे हैं और उनकी संपत्ति को कुर्क किया जा रहा है, इस तरह का संकेत भारत से पहली बार दिया जा रहा है, इससे पहले हम डिफालटरों के साथ रहने के आदि हो चुके थे.”
उल्लेखनीय है कि किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख विजय माल्या पिछले साल मार्च में ब्रिटेन चले गये थे. बैंकों को उनसे 1.4 अरब डालर का कर्ज वसूलना है. भारत सरकार ने इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन की सरकार से माल्या के प्रत्यर्पण के लिये औपचारिक तौर पर आग्रह किया है.