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समुद्र में अमेरिका को टक्कर देना चाहता है चीन

पेइचिंग : चीन की नौसेना को आने वाले सालाना रक्षा बजट में काफी को मिलने की उम्मीद है. इस समय चीन समुद्र में अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती देना चाहता है. इसके मद्देनजर चीन पूरी दुनिया के सामने अपनी ताकत का प्रदर्शन कर अमेरिका के मुकाबले अपनी गंभीर दावेदारी पेश करना चाहता है. पिछले कुछ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2017 11:21 AM

पेइचिंग : चीन की नौसेना को आने वाले सालाना रक्षा बजट में काफी को मिलने की उम्मीद है. इस समय चीन समुद्र में अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती देना चाहता है. इसके मद्देनजर चीन पूरी दुनिया के सामने अपनी ताकत का प्रदर्शन कर अमेरिका के मुकाबले अपनी गंभीर दावेदारी पेश करना चाहता है. पिछले कुछ महीनों से चीनी नौसेना की भूमिका काफी अहम हो गयी है.

चीन का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर स्वशासित ताइवान के इर्द-गिर्द चक्कर काट रहा है. चीन के कई नये जंगी जहाज कई दूर-दराज के हिस्सों में देखे जा रहे हैं. ऐसा भी नहीं है कि चीन ने खुद को सैन्य क्षमताओं में मजबूत करने की यह मुहिम अभी हाल ही में शुरू की है. चीन लगातार लंबे समय से वह लगातार अपनी सैन्य क्षमताएं बढ़ाने और सेना के आधुनिकीकरण की कोशिशों में जुटा हुआ है. बीते करीब 15-20 सालों में चीन ने इसके लिए पानी की तरह पैसा भी बहाया है.

चीन की यह रणनीति अमेरिका की बदली परिस्थितियों के मद्देनजर तैयार की गयी लगती है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका ताबड़तोड़ जहाज निर्माण पर ध्यान देना चाहता है. ताइवान और दक्षिणी व पूर्वी चीन सागर को लेकर ट्रंप के अनिश्चित रूख को देखते हुए चीन अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है. चीन खुद को अमेरिकी नौसेना के मुकाबले तैयार करने में लगा हुआ है और वह किसी भी लिहाज से खुद को अमेरिकी नौसेना से कमतर नहीं रहने देना चाहता है.

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