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एंटी ABVP कैंपेन से हटी गुरमेहर कौर, बोलीं ‘‘20 साल की उम्र में मैं इतना ही बर्दाश्त कर सकती हूं””

नयी दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर ने एबीवीपी के खिलाफ विरोध मार्च से हटते हुए उन्हें अकेले छोड़ देने का अनुरोध किया और वह अपने परिवार के पास जालंधर चली गईं. आरएसएस समर्थित एबीवीपी के खिलाफ अपने सोशल मीडिया अभियान को लेकर विवाद छिड़ने के बीच उनका यह फैसला आया है. उनके […]

नयी दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर ने एबीवीपी के खिलाफ विरोध मार्च से हटते हुए उन्हें अकेले छोड़ देने का अनुरोध किया और वह अपने परिवार के पास जालंधर चली गईं.

आरएसएस समर्थित एबीवीपी के खिलाफ अपने सोशल मीडिया अभियान को लेकर विवाद छिड़ने के बीच उनका यह फैसला आया है. उनके अभियान के चलते उन्हें बलात्कार की कथित धमकियां मिलीं. यहां तक कि केंद्रीय मंत्री भी विवाद में कूद पड़े. लेडी श्री राम कॉलेज की छात्रा कौर ने सिलसिलेवार ट्वीट में अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने काफी कुछ झेला है और ‘‘20 साल की उम्र में मैं इतना ही बर्दाश्त कर सकती हूं.’
इससे पहले कौर ने लोगों से अनुरोध किया था कि यदि शहीद की बेटी के रुप में उनकी पहचान से लोगों को परेशानी हो रही है तो वे इस रुप में उन्हें नहीं पहचाने. वह कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी हैं. सिंह जम्मू कश्मीर में 1999 में एक आतंकवादी हमले में मारे गए थे. दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की एक अधिकारी ने बताया, ‘‘वह अपने परिवार के पास जालंधर चली गई है.’
दिल्ली पुलिस ने जालंधर पुलिस से उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करने का अनुरोध किया है. हालांकि, जिस मार्च से वह हट गई हैं, वह नार्थ कैम्पस से गुजरा जिसमें जेएनयू, डीयू और जामिया के सैकड़ों छात्रों ने हिस्सा लिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेरे सभी मित्रों, मेरे प्यारे अध्यापकों …काश में यहां होती.’
इससे पहले के एक ट्वीट में उन्होंने लोगों से बड़ी तादाद में मार्च में शामिल होने का अनुरोध किया था कि ‘यह छात्रों के बारे में है ना कि मेरे बारे में.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभियान से हट रही हूं. हर किसी को शुभकामनाएं. मैं अकेले छोड़ देने का अनुरोध करती हूं. मैंने कह दिया जो मुझे कहना था. मैंने काफी कुछ झेला है और 20 साल की उम्र में मैं इतना ही बर्दाश्त कर सकती हूं. मेरे साहस और बहादुरी पर सवाल उठाने वालों को मैंने पर्याप्त से ज्यादा कुछ दिखा दिया है.’
शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी कौर को उसके कॉलेज लेडी श्रीराम कॉलेज ने समर्थन देते हुए कहा कि उन्हें अपना विचार जाहिर करने का अधिकार है. कॉलेज ने एक बयान में कहा, ‘‘हम छात्राओं का पोषण करने के संस्थान के कर्तव्य के तहत अपनी छात्रा का बगैर डरे समर्थन करते हैं.
गुरमेहर को अपनी राय रखने का अधिकार है और उसने समझदारी और बहादुरी के साथ प्रतिक्रिया दी है. उसने एक युवा नागरिक के तौर पर अपना कर्तव्य पूरा किया है.’ गुरमेहर (20) ने रामजस कॉलेज में हिंसा के बाद ‘मैं एबीवीपी से डरती नहीं’ नामक अभियान शुरु किया था. यह अभियान वायरल (सोशल मीडिया पर छाना) हो गया और इसे विभिन्न विश्वविद्यालय के छात्रों से भारी समर्थन मिला.
गुरमेहर ने कल दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल से मुलाकात की थी और कहा था कि उसे कथित तौर पर एबीवीपी के सदस्यों से सोशल मीडिया पर ‘बलात्कार की धमकियां’ मिल रही हैं. मालीवाल ने इन धमकियों को ‘शर्मनाक’ बताया और पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखकर मांग की है कि ‘धमकियां देने वाले’ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए और गुरमेहर एवं उसके परिवार को सुरक्षा दी जाए.

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