बोले ट्रंप- लिंकन सही थे और यह समय उनके शब्दों पर ध्यान देने का

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस सत्र में उन्होंने योग्यता-आधारित आव्रजन प्रणाली का आह्वान किया जिससे भारत जैसे देशों के उच्च-तकनीक पेशेवरों को लाभ मिल सकता है. कांग्रेस को अपने पहले संबोधन के दौरान ट्रंप ने कहा, ‘‘कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे दुनिया के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2017 12:31 PM

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस सत्र में उन्होंने योग्यता-आधारित आव्रजन प्रणाली का आह्वान किया जिससे भारत जैसे देशों के उच्च-तकनीक पेशेवरों को लाभ मिल सकता है. कांग्रेस को अपने पहले संबोधन के दौरान ट्रंप ने कहा, ‘‘कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे दुनिया के कई देशों में योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली है.’ उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रणाली से कई डॉलर की बचत होगी और कर्मियों का वेतन भी बढेगा.

ट्रंप ने दिवंगत राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के शब्दों को याद करते हुए योग्यता-आधारिज आव्रजन प्रणाली का विचार रखा. उन्होंने कहा, ‘‘लिंकन सही थे और यह समय उनके शब्दों पर ध्यान देने का है.’ ट्रंप ने कहा, ‘‘मौजूदा समय की निम्न-कुशल आव्रजन प्रणाली की जगह योग्यता-आधारित आव्रजन प्रणाली अपनाने से कई लाभ होंगे। इससे अनगिनत डॉलर की बचत होगी, कर्मियों का वेतन बढेगा और प्रवासियों के परिवारों समेत संघर्ष कर रहे मध्यम वर्ग के परिवारों को भी मदद मिलेगी।’ ट्रंप ने कहा कि वह लाखों नौकरियां वापस लाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अपने कर्मियों की सहायता करने का मतलब कानूनी आव्रजन की हमारी प्रणाली में सुधार करना भी है. वर्तमान समय की पुरानी प्रणाली हमारे गरीब कर्मियों के वेतन को कम करती है और करदाताओं पर बहुत अधिक दबाव डालती है.’

ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि अगर हमारा लक्ष्य देश की सुरक्षा को मजबूत करने और कानून के प्रति सम्मान को बहाल करने के लिए अमेरिकियों के वेतन और रोजगार में सुधार करना है, तो वास्तविक और सकारात्मक आव्रजन सुधार संभव है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अगर हम अमेरिकी नागरिकों की भलाई चाहते हैं तो रिपब्लिकन और डेमोक्रेट उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साथ मिलकर काम कर सकते हैं जिसे दशकों से हमारा देश प्राप्त नहीं कर सका है.’ एच-1बी वीजा पर अमेरिका आने वाले विदेशी नागरिकों में भारतीय आईटी पेशेवरों की संख्या सबसे अधिक है. अमेरिका में वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियरों और अन्य क्षेत्रों के उच्च कुशल पेशेवरों के रुप में आने वाले विदेशी नागरिकों में भी सबसे अधिक संख्या भारतीयों की है.

राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने व्यापक रुप से भारतीय तकनीकी कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले एच-1बी और एल-1बी वीजा कार्यक्रमों पर निगरानी बढाने का वादा किया था. भारतीय मूल के अमेरिकी कानूनविद् वेद नंदा ने पिछले सप्ताह एक लेख में ट्रंप प्रशासन को चेताया था कि एच-1बी वीजा पर अंकुश लगाने का परिणाम अमेरिका से प्रतिभाशाली भारतीयों के पलायन के रुप में सामने आएगा.

ट्रंप ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सभी नागरिक सफल हों लेकिन यह कानून के बिना और अराजकता के माहौल में नहीं हो सकता। हमें ईमानदारी और हमारी सीमाओं पर कानून का शासन बहाल करना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘इस कारण से, हम हमारी दक्षिणी सीमा पर जल्द ही एक बडी दीवार का निर्माण शुरू कर देंगे. यह काम तय समय से पहले शुरू हो जाएगा. जब यह काम पूरा होगा, तो यह मादक पदार्थों और हथियारों के खिलाफ एक प्रभावी हथियार साबित होगा.’

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